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राजस्थान के प्रमुख लोकनृत्य
घूमर नृत्य:
- नृत्यों का सिरमौर घूमर राज्य नृत्य के रूप में प्रसिद्ध है।
- यह मांगलिक अवसरों, पर्वों आदि पर महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- स्त्री-पुरुष घेरा बनाकर नृत्य करते हैं।
- यह नृत्य महिलाओं द्वारा घुमावदार घागरा पहनकर किया जाता है इसीलिए इसका नाम घूमर रखा गया है|
- यह राजस्थान का सर्वाधिक प्रसिद्ध लोकनृत्य है,
- इसे मांगलिक पर्वों पर महिलाओं द्वारा हाथों के लचकदार संचालन से ढ़ोलनगाड़ा, शहनाई आदि संगत में किया जाता है।

डांडिया नृत्य:
- मारवाड के इस लोकप्रिय नृत्य में भी गैर व गींदड़ नृत्यों की तरह डंडों को आपस में टकराते हुए नर्तन होता है
- यह भी होली के अवसर पर पुरुषों द्वारा किया जाता है
- इस नृत्य के समय नगाडा और शहनाई बजाई जाती है ।

कालबेलिया नृत्य:
- “कालबेलिया” राजस्थान की एक अत्यंत प्रसिद्ध नृत्य शैली है। कालबेलिया सपेरा जाति को कहते हैं ।
- यह नृत्य दो महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- पुरुष नृत्य के दौरान बीन व ताल वाद्य बजाते हैं।
- इस नृत्य में कांच के टुकड़ों व जरी-गोटे से तैयार काले रंग की कुर्ती, लहंगा व चुनड़ी पहनकर सांप की तरह बल खाते हुए नृत्य की प्रस्तुति की जाती है।
चरी नृत्य:
- भारत में राजस्थान का आकर्षक व बहुत प्रसिद्ध लोक नृत्य है।
- यह महिलाओं द्वारा किया जाने वाला सामूहिक लोक नृत्य है।
- यह राजस्थान के अजमेर और किशनगढ़ में अति प्रचलित है।
- चरी नृत्य राजस्थान में किशनगढ़ और अजमेर के गुर्जर और सैनी समुदाय की महिलाओं का एक सुंदर नृत्य है।
- फलकू बाई इसकी प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं

गेर नृत्य:
- गेर नृत्य भारत में राजस्थान का पारम्परिक प्रसिद्ध और सुन्दर लोक नृत्य है .
- यह नृत्य प्रमुखतः भील आदिवासियों द्वारा किया जाता है परन्तु पूरे राजस्थान में पाया जाता है.
- गेर नृत्य में नर्तक अपने हाथ में खाण्डा (लकड़ी की छड़ी) के साथ एक बड़े वृत्त में नाचते हैं।
- यह नृत्य पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जाता है।
- पुरुष पट्टेदार अंगरखे एवं पूर्ण लंबाई की स्कर्ट पहनते हैं.
- पुरुष और महिलायें दोनों पारंपरिक पोशाक में एक साथ नृत्य करते हैं।
- यह नृत्य होली के दुसरे दिन प्रारंभ होकर 15 दिनों तक चलता है
- गैर नृत्य करने वाले पुरुषो को गैरिया कहा जाता है

चंग नृत्य:
- चंग नृत्य राजस्थान का का प्रसिद्ध लोकनृत्य है।
- राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र (चुरु, झुंझुनू , सीकर जिला) व बीकानेर जिला इसके प्रमुख क्षेत्र हैं.
- यह पुरुषों का सामूहिक लोकनृत्य है।
- इसका आयोजन होली पर्व पर होता है और महाशिवरात्रि से लेकर होली तक चलता है।
- इस लोकनृत्य में खुले स्थान में परमुखतः ‘चंग’ नामक वाद्ययंत्र के साथ शरीर की गति या संचालन, नृत्य या तालबद्ध गति के साथ अभिव्यक्त किया जाता है।

गींदड़ नृत्य:
- शेखावटी का लोकप्रिय नृत्य है ।
- यह विशेष तौर पर होली के अवसर पर किया जाता है।
- चुरु, झुंझुनूं , सीकर जिलों में इस नृत्य के सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ।
- नगाड़ा इस नृत्य का प्रमुख वाद्य है ।
- इस नृत्य में साधु, सेठ-सेठानी, दुल्हा-दुल्हन, शिकारी आदि विभिन्न प्रकार के स्वांग भी निकाले जाते हैं ।

पनिहारी नृत्य:
- पनिहारी का अर्थ होता है पानी भरने जाने वाली।
- पनिहारी नृत्य घूमर नृत्य के सदृश्य होता है।
- इसमें महिलाएँ सिर पर मिट्टी के घड़े रखकर हाथों एवं पैरों के संचालन के साथ नृत्य करती है।
- यह एक समूह नृत्य है और अक्सर उत्सव या त्योहार पर किया जाता है।

तेराताली नृत्य:
- तेराताली राजस्थान का प्रसिद्ध लोक नृत्य है।
- यह कामड जाति द्वारा किया जाता है।
- इस अत्यंत आकर्षक नृत्य में महिलाएँ अपने हाथ, पैरों व शरीर के 13 स्थानों पर मंजीरें बाँध लेती है तथा दोनों हाथों में बँधे मंजीरों को गीत की ताल व लय के साथ तेज गति से शरीर पर बँधे अन्य मंजीरो पर प्रहार करती हुई विभिन्न भाव-भंगिमाएं प्रदर्शित करती है।
- इस नृत्य के समय पुरुष तंदूरे की तान पर रामदेव जी के भजन गाते हैं। यह लोक नृत्य परम्परा से कामड जाती करती आ रही है।

बमरसिया या बम नृत्य:
- बम नृत्य राजस्थान के अलवर क्षेत्र में नई फसल आने की ख़ुशी में किया जाता है
- यह अलवर और भरतपुर क्षेत्र का नृत्य है और होली का नृत्य है।
- इसमें दो व्यक्ति एक नगाड़े को डंडों से बजाते हैं तथा अन्य वादक थाली, चिमटा, मंजीरा,ढोलक व खड़ताल आदि बजाते हैं और नर्तक रंग बिरंगे फूंदों एवं पंखों से बंधी लकड़ी को हाथों में लेकर उसे हवा में उछालते हैं।
- इस नृत्य के साथ होली के गीत और रसिया गाए जाते हैं ।

कच्छी घोड़ी नृत्य:
- कच्छी घोड़ी नृत्य में ढाल और लम्बी तलवारों से लैस नर्तकों का ऊपरी भाग दूल्हे की पारम्परिक वेशभूषा में रहता है और निचले भाग में बाँस के ढाँचे पर कागज़ की लुगदी से बने घोड़े का ढाँचा होता है।
- इस नृत्य में एक या दो महिलाएँ भी इस घुड़सवार के साथ नृत्य करती है।

उदयपुर का भवई नृत्य:
- चमत्कारिकता एवं करतब के लिए प्रसिद्ध यह नृत्य उदयपुर संभाग में अधिक प्रचलित है।
- नाचते हुए सिर पर एक के बाद एक, सात-आठ मटके रख कर थाली के किनारों पर नाचना, गिलासों पर नृत्य करना, नाचते हुए जमीन से मुँह से रुमाल उठाना, नुकीली कीलों पर नाचना आदि करतब इसमें दिखाए जाते हैं।

जालोर का ढोल नृत्य:
- जालोर के इस प्रसिद्ध नृत्य में 4 या 5 ढोल एक साथ बजाए जाते हैं ।
- सबसे पहले समूह का मुखिया ढोल बजाता है। तब अलग अलग नर्तकों में से कोई हाथ में डंडे ले कर, कोई मुँह में तलवार ले कर तो कोई रूमाल लटका कर नृत्य करता है ।
- यह नृत्य अक्सर विवाह के अवसर पर किया जाता है ।

घुड़ला नृत्य:
- यह मारवाड का नृत्य है जिसमें छेद वाले मटकी में दीपक रख कर स्त्रियाँ टोली बना कर पनिहारी या घूमर की तरह गोल घेरे में गीत गाती हुई नाचती है।
- इस नृत्य में ढोल, थाली, बाँसुरी, चंग, ढोलक, नौबत आदि मुख्य हैं। यह नृत्य मुख्यतः होली पर किया जाता है जिसमें चंग प्रमुख वाद्य होता है।
- इस समय गाया जाने वाला गीत है – “घुड़लो घूमै छः जी घूमै छः , घी घाल म्हारौ घुड़लो ॥”

लूर नृत्य:
- मारवाड का यह नृत्य फाल्गुन माह में प्रारंभ हो कर होली दहन तक चलता है।
- यह महिलाओं का नृत्य है।
- महिलाएँ घर के कार्य से निवृत हो कर गाँव में नृत्य स्थल पर इकट्ठा होती है एवं उल्लास के साथ एक बड़े घेरे में नाचती हैं।

कठपुतली नृत्य:
- यह राजस्थान की अत्यंत लोकप्रिय लोककला है।
- इसमें विभिन्न महान लोक नायकों यथा महाराणा प्रताप, रामदेवजी, गोगाजी आदि की कथा अथवा अन्य विषय वस्तु को कठपुतलियों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है।
- यह उदयपुर में अधिक प्रचलित है।

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राजस्थान के लोक नृत्य ट्रिक

🌀 राजस्थान का लोक नृत्य – घूमर है , इसे राजस्थान की नृत्य की आत्मा / सिरमौर / सामंती नृत्य कहते हैं ।
🌀 यह मुलत: मध्य एशिया का नृत्य है , जो गणगौर पर महिलाओं के द्वारा किया जाता है ।
🌀 यह नृत्य पुरुष नहीं करते हैं, परंतु यह पुरुष रस प्रधान नृत्य है।
🌀 लूर/ घूमर/ झुमरिया घूमर नृत्य के तीन रूप है ।
🔰 राजस्थान का शास्त्रीय नृत्य कत्थक है , किस का उद्गम स्थल राजस्थान को माना जाता है ।
▪️ इसका आदिम घराना जयपुर है , इस नृत्य के प्रवर्तक भानु जी महाराज थे , वर्तमान में कत्थक नृत्य के प्रसिद्ध कलाकार बिरजू जी महाराज है , इसी नृत्य का दूसरा घराना लखनऊ है ।
▪️ कथक नर्तक श्री उदय शंकर उदयपुर जिले से संबंधित है , तू प्रेरणा श्रीमाली कत्थक नृत्यांगना है ।
🌟 गरासिया जनजाति के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक :-
Trick :- गोरा गरासिया माजलू को मोरिया गर्वा
गो :- गोर
रा :- रायण
मा :- मांदल
ज :- ज्वारा
लू :- लूर
वा :- वालर
कू :- कूद
गर्वा :- गरबा
◼️ भील जनजाति के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक
Trick :- गै घू युग में द्वि भाभी ने हाथी व गौ का ढेर किया
गै :- गैर
घूं :- घुमरा
यु :- युद्ध
ग :- गवरी
द्वि :- द्विचकि
भा :- भगोरिया
ने :- नेजा
हा :- हथिमना
गौ :- गौर
ढे :- ढेंकण
र :- रमणी
◼️ कालबेलिया जाति के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक
Trick :- कालबेलिया की बाई पश गई
बा :- बागड़िया नृत्य
ई :- इंडोनी नृत्य
प :- पणिहारी नृत्य
श :- शंकरिया नृत्य
◼️ भरतपुर के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक
Trick :- भरतपुर में रब को नोच
र :- रसिया नृत्य
ब :- बम नृत्य
नौ :- नौटंकी
च :- चरकुला
◼️ अलवर व मैव जाति के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक
Trick :- मेव खा रण में रत रहता है
मेव :- मेव जाति
खा :- खारी
रण :- रण बाजा
रत :- रतवई
◼️ जोधपुर के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक
Trick :- मारवाड़ में घुड़ का झा ड़ा लगता है
घुड़ :- घुड़ला नृत्य
झा :- झांझी
डा :- डांडिया
◼️ शेखावाटी क्षेत्र के लोक नृत्य याद करने की ट्रिक
Trick:- शेखावाटी में गीद जी डक के चलना
गिद :- गीदड़ नृत्य
जी :- जिंदाद नृत्य
ड :- डप , नृत्य
क :- कच्छी घोड़ी नृत्य
च :- चंग नृत्य
ल :- लहुर नृत्य
🌟 मुगल सम्राट शाहजहां के समय से ही प्रसिद्ध नाहर नृत्य की खेलने की परंपरा मांडलगढ़ भीलवाड़ा में प्रचलित है ।
🌟 विवाह के अवसर पर जोगियों द्वारा किया जाने वाला नृत्य धनु कहलाता है ।
🌟 घुटनों के बल उछलतेहुए किया जाने वाला नृत्य बेत नृत्य कहलाता है ।
🌟 संजया का आखिरी अंकन कोट नाम से जाना जाता है ।
🔰 शेखावाटी क्षेत्र के प्रमुख नृत्य 🔰
🌟 गीदड़ नृत्य
🔻 यह नृत्य होली से 10 दिन पूर्व पुरुषों के द्वारा किया जाता है ।
🌟 कच्छी घोड़ी नृत्य
🔻 एक व्यावसायिक नृत्य है जिन्हें केवल पुरुष करते हैं ।
🌟 चंग नृत्य 🌟 गैर नृत्य
🔻 यह सभी नृत्य शेखावाटी प्रदेश के हैं ।
🌟 लहूर – लहूर नृत्य
🔻 यह एक अश्लील नृत्य है ।
🌟 जिंदाद नृत्य 🌟 सेंघड़ा नृत्य 🌟 डप नृत्य
🔰 अग्नि नृत्य
🔻 यह कतरियासर गांव बीकानेर मैं जसनाथी संप्रदाय के लोगों द्वारा आग के अंगारों पर किया जाता है ।
🔻 आग में मतीरे फोड़ने का संबंध अग्नि नृत्य से है ।
🔻 यह नृत्य मुख्यतः बीकानेर जिले में किया जाता है।
🔰 हिंडोला नृत्य
▪️ दीपावली पर किया जाता है ।
▪️ यह नृत्य के मुख्य तो जैसलमेर जिले में किया जाता है ।
🔰 तेरहताली नृत्य
▪️ यह नृत्य कामड़ जाति के महिलाओं द्वारा रामदेव जी के मेले में बैठकर किया जाता है ।
▪️ इसका उद्गम पदराला गांव पाली में हुआ ।
▪️ इस नृत्य के साथ झांझ नामक वाद्य यंत्र का प्रयोग होता है ।
,▪️ यह नृत्य जैसलमेर जिले में किया जाता है ।
🔰 मछली नृत्य
▪️ यह नृत्य बंजारे की स्त्रियों के द्वारा किया जाता है।
▪️ इस नृत्य की शुरुआत हर्षोल्लास से होती है जबकि अंत दुख के साथ होता है ।
▪️ यह नृत्य मुख्यतः बाड़मेर जिले में किया जाता है ।
🔰 लूर नृत्य
▪️ गरासिया जनजाति के विवाह उत्सव पर
▪️ सिरोही जिले में किया जाता है।
🔰 वालर नृत्य
▪️ यह एक युगल नृत्य है ।
▪️ तथा राजस्थान का यह एकमात्र बिना वाद्य यंत्र के किया जाने वाला नृत्य है जो गणगौर पर किया जाता है।
▪️ यहां सिरोही जिले में कि सर्वाधिक किया जाता है ।
◼️ कूद व जावड़ा नृत्य
▪️ इस नृत्य संबंध गरासिया जनजाति से है ।
▪️ यह सर्वाधिक सिरोही जिले में किया जाता है ।
🔰 मांदल नृत्य
🔻 गरासिया महिलाओं द्वारा किया जाने वाला वृत्ताकार नृत्य ।
▪️ यह सिरोही में सर्वाधिक किया जाता है।
🔰भील जनजाति के प्रमुख नृत्य🔰
◼️ गैर नृत्य
▪️ होली पर केवल पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य
▪️ राजस्थानी गैर नृत्य का अन्य नाम गैर घालना है ।
▪️ यह नृत्य उदयपुर क्षेत्र में सर्वाधिक किया जाता है ।
◼️ द्विचकी नृत्य
▪️ विवाह के अवसर पर भील पुरुषों एवं महिलाओं द्वारा घेरा बनाकर किया जाने वाला नृत्य ।
👉 भील जनजाति के अन्य नृत्य
गवरी नृत्य , राई नृत्य , नेजा नृत्य , युद्ध नृत्य आदि ।
🔰 भवाई नृत्य
▪️ इस नृत्य का जन्मदाता बागाजी जाट केकड़ी , अजमेर है ।
▪️ यह एक व्यावसायिक नृत्य है ।
▪️ जिसमें नृतक द्वारा सिर पर कई मटके रखकर नृत्य किया जाता है ।
▪️ यहां नृत्य उदयपुर क्षेत्र में सर्वाधिक किया जाता है।
🔰लांगुरिया नृत्य
▪️ यह नृत्य गुर्जर व मीणा जाति के लोग कैला देवी माता के मेले में करते हैं ।
▪️ यह करौली क्षेत्र का प्रसिद्ध नृत्य है ।
🔰 शिकारी नृत्य व चकरी नृत्य
▪️ यह नृत्य कंजर जाति की महिलाओं द्वारा किया जाता है ।
◼️ बिंदोरी नृत्य
▪️ विवाह व होली के अवसर पर
▪️ यह नृत्य मुख्यतः झालावाड़ जिले में किया जाता है
◼️ इंडोनी नृत्य , पणिहारी नृत्य , शंकरिया नृत्य
◼️ बागडीया नृत्य
🔻 युगल जोड़ी के द्वारा भीख मांगते समय किया जाता है ।
🔻 यह सभी नृत्य कालबेलिया जाति के द्वारा किया जाता है
🔻 गुलाबो – कालबेलिया नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना ।
🔻 वर्ष 2010 में कालबेलिया नृत्य को यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया गया।
🔻 वर्ष 2016 में गुलाबों को पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
🔰 चरी नृत्य
🔻 यह गुज्जर जाति का नृत्य है ।
🔻 की फुलकु बाई इस नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना है।
🔻 यह नृत्य मुख्यतः अजमेर जिले में किया जाता है।
“राजस्थान के प्रमुख लोकनृत्य प्रश्नोतरि
प्रश्न-01. गीदड़ नृत्य किस क्षेत्र का है?
{A} हाड़ौती
{Bबांगड़़
{C} मेवाड़
{D} शेखावटी
उत्तर- (D)
प्रश्न-02. शास्त्रीय कला की झलक किस लोक नृत्य को कहते हैं ?
{A} भवाई
{B} अग्नि
{C} वालर
{D} घूमर
उत्तर- (A)
प्रश्न-03. गैर नृत्य किस क्षेत्र से संबंधित है ?
{A} जयपुर
{B} उदयपुर
{C} बाड़मेर
{D} जालौर
उत्तर- (b)
प्रश्न-04. अग्नि नृत्य किस संप्रदाय से संबंधित है _
{A} बिश्नोई
{B} रामसनेही
{C} जसनाथ
{D} नाथ
उत्तर- (c)
प्रश्न-05. बम नृत्य का संबंध राजस्थान के किस जिले से है ?
{A} जोधपुर
{B} जयपुर
{C} डूंगरपुर
{D} भरतपुर
उत्तर- (d)
प्रश्न-06. तेरहताली नृत्य का संबंध निम्न में से किस औरत से हैं _
{A} मांगीबाई
{B} मीराबाई
{C} ताराबाई
{D} फलकुबाई
उत्तर- (a)
प्रश्न-07. निम्न में से किस नृत्य में लोग तलवारों से युद्ध करते हुए नाचते हैं ?
{A} घूमर
{B} कच्छी घोड़ी
{C} तेरहताली
{D} भवाई
उत्तर- (b)
प्रश्न-08 थाली नृत्य का संबंध किस वाद्ययंत्र से है ?
{A} सारंगी
{B} अलगोजा
{C} रावण हत्था
{D} बांसुरी
उत्तर- (c)
प्रश्न-09. कैला देवी के मेले में किया जाने वाला लोक नृत्य है ?
{A} लांगुरिया
{B} डांग
{C} तेरहताली
{D} थाली
उत्तर- (a)
प्रश्न-10. खारी नृत्य का संबंध राजस्थान के किस जिले से है ?
{A} भरतपुर
{B} बीकानेर
{C} अजमेर
{D} अलवर
उत्तर- (d)
प्रश्न-11. माली समाज की स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है _
{A} खारी
{B} डांग
{C} लांगुरिया
{D} चरवा
उत्तर- (d)
प्रश्न-12. ढोल नृत्य को प्रकाश में लाने का श्रेय राजस्थान के किस पूर्व मुख्यमंत्री को दिया जाता है ?
{A} जय नारायण व्यास
{B} मोहनलाल सुखाड़िया
{C} जमनालाल बजाज
{D} टीकाराम पालीवाल
उत्तर- (a)
(राजस्थान के लोकनृत्य के महत्वपूर्ण प्रश्न जो विभिन्न परीक्षा में बार बार पूछे गए है।)
प्रश्न13. कत्थक नृत्य का सबसे प्राचीन घराना कौन सा है?
उत्तर- जयपुर घराना
प्रश्न14. राजस्थान में कत्थक नृत्य का सबसे प्रसिद्ध नर्तक कौन है?
उत्तर- जयपुर का दुर्गा लाल
प्रश्न15. गीदड़ नृत्य कहां का प्रसिद्ध नृत्य है?
उत्तर- शेखावटी
प्रश्न16. जिस नृत्य में कोई निश्चित नियम नहीं होते हैं उसे कौन सा नृत्य कहते हैं?
उत्तर- लोकनृत्य या देशी नृत्य
प्रश्न17. गैर नृत्य में महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले गीतों को क्या कहा जाता है?
उत्तर- फाग
प्रश्न18. अग्नि नृत्य किस संप्रदाय के द्वारा किया जाता है?
उत्तर- जसनाथी संप्रदाय
प्रश्न19. बगरसिया नृत्य किस त्यौहार पर किया जाता है?
उत्तर- होली के अवसर पर
प्रश्न20. चंग नृत्य कहां का प्रसिद्ध है?
उत्तर- शेखावटी
प्रश्न21. ढोल नृत्य किस संप्रदाय के द्वारा किया जाता है?
उत्तर- संचलिया संप्रदाय
प्रश्न22. घुड़ला नृत्य कहां का प्रसिद्ध है?
उत्तर- मारवाड़/जोधपुर
प्रश्न23. बिंदौली नृत्य किसके द्वारा किया जाता है?
उत्तर- पुरुषों के द्वारा
प्रश्न24. एक मात्र नृत्य जो महिलाओं के द्वारा बैठकर किया जाता है?
उत्तर- तेरहताली नृत्य
प्रश्न25. भवाई नृत्य मूल रूप से कहां का लोक नृत्य है?
उत्तर- गुजरात का
प्रश्न26. कच्छी घोड़ी नृत्य में कौन सा वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं?
उत्तर- थाली एवं झांझ
प्रश्न27. तेरहताली नृत्य संबंधित है?
उत्तर- रामदेव जी के मेले से
प्रश्न28. भील लोगों के विवाह के अवसर पर किया जाने वाला नृत्य है?
उत्तर- हाथीमना नृत्य
29 राजस्थानी लोक-कथाओं के संग्रह ‘बातां री फुलवारी’ के लेखक हैं-
(a) सूर्यमल्ल मिश्र
(b) विजयदान देथा
(c) नरोत्तमदास स्वामी
(d) अमरचन्द नाहटा
उत्तर- (b)
30 भवाई नृत्य की पहली महिला कलाकार जिसने राजस्थान और उसके बाहर इस नृत्य को पहचान दिलाई-
(a) गुलाबो
(b) जोधपुर की पुष्पा व्यास
(c) किशनगढ़ की फुलमाँ
(d) भीलवाड़ा की वीणा अजमेरा
उत्तर- (b)
31 नृत्य नाटक ‘सूरदास’, (‘बोराबोरी’) ‘डोकरी’ एवं ‘शंकरिया’ किस पेशेवर लोकनृत्य से संबंधित हैं
(a) तेरहताली
(b) भवाई
(c) कच्छी घोड़ी
(d) नेजा
उत्तर- (b)
32 झूमर नृत्य को प्रसिद्ध किया
(a) कजरी
(b) डाली बाई
(c) माँगी बाई
(d) लाडी बाई
उत्तर- (b)
33 आहोर (जालौर) के बिजली गाँव का प्रसिद्ध नृत्य है
(a) शूकर नृत्य
(b) कक्का नृत्य
(c) झाला नृत्य
(d) रिछवा नृत्य
उत्तर- (a)
34भीलों में प्रचलित नृत्य जो शौर्यपरक कठिन साहस का द्योतक है
(a) खारी नृत्य
(b) हाथीमना नृत्य
(c) शूकर नृत्य
(d) धाड़ नृत्य
उत्तर- (b)
35 संगीत रत्नाकर के रचनाकार कौन हैं
(a) शारंग देव
(b) अहोबल
(c) रामामात्य
(d) भरतमुनि
उत्तर- (a)
36 कौन-सा युग्म असंगत है?
संगीत गं्रथ. रचनाकार
(a) नाट्य शास्त्र : भरत मुनि
(b) मान कुतुहल : राजा मानसिंह तोमर
(c) सूड प्रबंध : राणा कुंभा
(d) संगीत दर्पण : भाव भट्ट
उत्तर- (d)
37 राजस्थान संगीत नाटक अकादमी कहाँ स्थित है?
(a) जोधपुर
(b) जयपुर
(c) उदयपुर
(d) कोटा
उत्तर- (a)
38 संगीत पारिजात किसने लिखा?
(a) अहोबल
(b) कुमार गंधर्व
(c) मोहम्मद रजा
(d) भातखण्डे
उत्तर- (a)
39 कला धरोहर का संरक्षण तथा राज्य के कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए जयपुर में सन् 1993 में किस केन्द्र की स्थापना की गई थी?
(a) जवाहर कला केन्द्र
(b) रंगमंच
(c) रवीन्द्र मंच
(d) जयपुर कथक केन्द्र
उत्तर- (a)
40 निम्न में से कौन-सा तत् वाद्य नहीं है?
(a) रावणहत्था
(b) नौबत
(c) सारंगी
(d) जन्तर
उत्तर- (b)
41‘पिया बसन्ती’ का एलबम तथा ‘अलबेला सजन घर आयो’ के गायक हैं
(a) ठाकुर किशनसिंह
(b) उस्ताद सुल्तान खाँ
(c) उस्ताद हिदासत खाँ
(d) पं. शशिमोहन भट्ट
उत्तर- (b)
42 राजस्थान के वे कलाकार जो प्रख्यात् कथक नर्तक होने के साथ-साथ अद्वितीय तबला वादक एवं पखावज वादक भी थे?
(a) पं. दुर्गालाल
(b) पं. देवीलाल
(c) पं. ओंकारलाल
(d) पं. सुंदर प्रसाद
उत्तर- (a)
43 उस्ताद सुल्तान खाँ हैं
(a) सारंगी वादक
(b) शास्त्रीय गायक
(c) तबला वादक
(d) सरोद वादक
उत्तर- (a)
44 राजस्थानी रंगमंच को सृजनात्मक रूप देने वाले कलाकार श्री कन्हैयालाल पंवार का जन्म हुआ
(a) चुरू
(b) जोधपुर
(c) अलवर
(d) सिरोही
उत्तर- (b)
45 बाँसवाड़ा की सुश्री प्रेरणा श्रीमाली हैं
(a) जयपुर घराने की कथक कलाकार
(b) सितार वादक
(c) राज्य की पहली महिला तबला वादक
(d) गिटार वादक
उत्तर- (a)
46 किशनगढ़ की श्रीमती फलकूबाई ने किस नृत्य को लोकप्रिय बनाने में अद्वितीय योगदान दिया?
(a) गुजरों का चरी नृत्य
(b) शिकारी नृत्य
(c) रतवई नृत्य
(d) रणबाजा नृत्य
उत्तर- (a)
47 ‘कथा कही एक जले पेड़ ने’ तथा ‘चन्द्रमासिंफ उर्फ चमकू’ नाटक के लेखक हैं
(a) मीनाक्षी ठाकुर
(b) सज्जन पुरोहित
(c) मोहन मह£ष
(d) भानू भारती
उत्तर- (d)
48 अलवर-भरतपुर क्षेत्र में होली के अवसर पर नई फसल आने की खुशी में केवल पुरुषों द्वारा नगाड़ों की ताल पर किया जाने वाला नृत्य है
(a) अग्नि नृत्य
(b) बिंदौरी नृत्य
(c) बम नृत्य
(d) नाद्दर नृत्य
उत्तर- (c)
49 राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री जयनारायण व्यास किस नृत्य को प्रकाश में लाए?
(a) ढोल नृत्य
(b) डांडिया नृत्य
(c) ढप नृत्य
(d) कच्छी घोड़ी नृत्य
उत्तर- (a)
50 किस नृत्य में कलात्मक अदाकारियाँ प्रस्तुत की जाती हैं
(a) इंडोणी
(b) भवाई
(c) पणिहारी
(d) बागड़िया
उत्तर- (b)
कजली किस नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना है
(a) बिंदौरी नृत्य
(b) शंकरिया नृत्य
(c) भवाई नृत्य
(d) तेरहताली नृत्य
उत्तर- (c)
संगीत घराना एवं प्रवर्तकों का कौन-सा युग्म असंगत है? घराना प्रवर्तक
(a) जयपुर घराना : मनरंग (भूपत खाँ)
(b) आगरा घराना : हाजी सुजान खाँ
(c) रंगीला घराना : रमजान खाँ मियाँ रंगीले
(d) मेवाती घराना : सदारंग
उत्तर- (d)
राधा गोविन्द संगीत सार के निर्माण का श्रेय है (a) देव£ष भट्ट ब्रजपाल
(b) महाकवि सोमनाथ
(c) श्रीधर व्यास
(d) कृष्णानन्द व्यास
उत्तर- (a)
भारतीय कठपुतली कला को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने का श्रेय है
(a) श्री हरिलाल
(b) श्री देवीलाल सामर
(c) श्री कोमल कोठारी
(d) श्री भानुभारती
उत्तर- (b)
भारत में प्रथम नुक्कड़ नाटक खेलने का श्रेय दिया जाता है (a) श्री एस. वासुदेव को
(b) डी. एन. शैली को
(c) श्री मोहन मह£ष को
(d) श्री नन्दकिशोर आचार्य को
उत्तर- (a)
‘चरकुला नृत्य’ प्रसिद्ध है
(a) मारवाड़ क्षेत्र का
(b) मेवात क्षेत्र का
(c) मेवाड़ क्षेत्र का
(d) ढूँढाड़ क्षेत्र का
उत्तर- (b)
लोक वाद्य एवं लोक कलाओं को विश्व मंच तक ले जाने का अभूतपूर्व कार्य किया
(a) पद्मश्री कोमल कोठारी
(b) श्री देवीलाल सामर
(c) डॉ. महेन्द्र भागवत
(d) श्रीमती गवरी देवी
उत्तर- (a)
कौन-सा युग्म असंगत है? नृत्य जाति
(a) रतवई नृत्य मेव
(b) मांदल नृत्य गरासिया
(c) गैर नृत्य भील
(d) शिकारी नृत्य मीणा
उत्तर- (d)
विवाह के अवसर पर गणपति स्थापना के पश्चात् रात्रि में गरासिया पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है
(a) जवारा नृत्य
(b) मोरिया नृत्य
(c) मांदल नृत्य
(d) लूर नृत्य
उत्तर- (b)
इंडोणी, शंकरिया, पणिहारी, बागड़िया किस जाति के नृत्य हैं?
(a) भवाई
(b) गरासिया
(c) कालबेलिया
(d) सहरिया
उत्तर- (c)
दिल्ली घराना के प्रवर्तक कौन थे?
(a) नियामत खाँ
(b) रज्जब अली
(c) बन्दे अली खाँ
(d) भानूजी
उत्तर- (a)
जयपुर के कथक घराना के प्रवर्तक कौन हैं?
(a) भानूजी
(b) मियाँ रंगीले
(c) सदारत
(d) आलिया-फत्तू
उत्तर- (a)
राजस्थान के किस शासक ने प्रसिद्ध संगीतज्ञों एवं विद्वानों की मंडली ‘गंधर्व बाइसी’ को अपने दरबार में संरक्षण दिया था?
(a) महाराजा अनूपसिंह
(b) सवाई प्रतापसिंह
(c) मिर्जा राजा जयसिंह
(d) सवाई जयसिंह
उत्तर- (b)
‘अमर सिंह राठौड़ रम्मत’ में अमरसिंह का किरदार सर्वप्रथम अभिनीत किया था
(a) जेठमल जी आचार्य
(b) मेघराज जी आचार्य
(c) मोहनलाल जी आचार्य
(d) तेजकवि (गौरीशंकर सेवग)
उत्तर- (d)
घड़ावण और वलावण संबंधित है
(a) नौटंकी शहजादी से
(b) अमरसिंह राठौड़ री रम्मत से
(c) गवरी लोक नाट्य से
(d) तुर्रा कलंगी ख्याल से
उत्तर- (c)
कवि तेज की प्रमुख रचना है
(a) आई नाथ अड़तालीसी
(b) स्वराज्य बावनी
(c) राजा जोग भर्तृहरि का खेल
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (d)
सुंदरी लूणांदे का संबंध किस लोकनाट्य से है?
(a) सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र
(b) भक्त पूरणमल
(c) मीरा मंगल
(d) जम्बू कुमार
उत्तर- (b)
‘भँवरा दानव’, ‘बडल्या-हींदवा’ खेतूड़ी’ रोई माछला प्रसंग किससे संबंधित है?
(a) जोगी रो स्वांग
(b) दरजी रो स्वांग
(c) कन्हैया ख्याल
(d) गवरी लोकनाट्य
उत्तर- (d)
जवाहरलाल पुरोहित द्वारा शुरू किया गया हेडाऊ मेरी की रम्मत के मुख्य वाद्य हैं
(a) नगाड़ा एवं ढोलक
(b) शहनाई
(c) नक्कारा एवं चंग
(d) सारंगी-ढपली
उत्तर- (a)
राजस्थान में तुर्रा-कलंगी लोक नाट्यों का प्रचलन प्रारंभ हुआ
(a) उदयपुर
(b) बाँसवाड़ा
(c) चित्तौड़गढ़
(d) डूँगरपुर
उत्तर- (c)
गौहर जान किस लोक नाट्य से संबंधित हैं?
(a) नौटंकी
(b) तमाशा
(c) गवरी
(d) स्वांग
उत्तर- (b)
बंशीधर भट्ट किस लोक नाट्य के प्रमुख कलाकार थे?
(a) तमाशा
(b) रम्मत
(c) नौटंकी
(d) कन्हैया ख्याल
उत्तर- (a)
गवरी प्रसिद्ध लोक नाट्य है
(a) भीलों का
(b) गरासियों का
(c) सहरियाओं का
(d) कालबेलियों का
उत्तर- (a)
राजस्थान में नौटंकी का प्रचलन किया
(a) डीग (भरतपुर) में भूर्रिलाल
(b) डीग (भरतपुर) में जानकीलाल
(c) बीकानेर में मनीराम व्यास
(d) जयपुर में वासुदेव भट्ट
उत्तर- (a)
गवरी नृत्य में ‘पुरिया’ किसे कहा जाता है?
(a) ब्रह्मा
(b) शिव
(c) विष्णु
(d) इन्द्र
उत्तर- (b)
चरी नृत्य किस जाति की महिलाओं द्वारा किया जाता है?
(a) भील
(b) मीणा
(c) गूजर
(d) कथौड़ी
उत्तर- (c)
तेरहताली नृत्य का प्रमुख वाद्य कौन-सा है?
(a) मंजीरा
(b) चंग
(c) झांझ
(d) श्रीमंडल
उत्तर- (a)
निम्न नृत्यों एवं संबंधित जाति का कौन-सा जोडा सुमेलित नहीं है?
नृत्य जाति
(a) इंडोणी :. कालबेलिया
(b) लूर :. कथौड़ी
(c) जव़ारा :. गरासिया
(d) घूमरा :. भील
उत्तर- (b)
ओपेरा शैली पर आधारित रंगमंचीय व्यवस्थाओं एवं जटिल तकनीक के अनूठे संगम के लिए प्रसिद्ध भवानी नाट्यशाला स्थित है
(a) झालरापाटन
(b) जोधपुर
(c) जयपुर
(d) झालावाड़
उत्तर- (d)
कौन-सा वाद्य यंत्र आधे कटे नारियल की कटोरी पर खाल मढ़कर बनाया जाता है?
(a) रावण हत्था
(b) जन्तर
(c) सारंगी
(d) इकतारा
उत्तर- (a)
कामड़ जाति के लोग बजाते हैं
(a) सुरिन्दा
(b) गूजरी
(c) दुुकाको
(d) तन्दूरा
उत्तर- (d)
जहूर खाँ मेवाती, उमर फारुख मेवाती आदि वादक हैं
(a) भपंग के
(b) चिकारा के
(c) रबाब के
(d) रबाज के
उत्तर- (a)
सुषिर वाद्यों में सर्वश्रेष्ठ, सुरीला एवं मांगलिक वाद्य है
(a) बाँसुरी
(b) अलगोजा
(c) शहनाई
(d) पूंगी
उत्तर- (c)
करणा भील किस वाद्य का प्रसिद्ध वादक है?
(a) नड़
(b) मोरचंग
(c) सतारा
(d) करणा
उत्तर- (a)
जैसलमेर-बाड़मेर के गडरिये मेघवाल और मुस्लिमों द्वारा बजाया जाने वाला वाद्य है
(a) नड़
(b) सतारा
(c) बाँकियाँ
(d) मशक
उत्तर- (b)
‘आंबो मोरियो’ है
(a) आदिवासी क्षेत्र में प्रचलित एक प्रथा
(b) एक लोक नाट्य
(c) पारिवारिक सुख को चित्रित करने वाला एक गीत
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (c)
‘हर का हिंडोला’ है
(a) पुत्र के जन्म पर गाया जाने वाला गीत
(b) वृद्ध की मृत्यु पर गाया जाने वाला गीत
(c) विवाह के अवसर पर गाया जाने वाला गीत
(d) गणगौर के त्यौहार पर गाया जाने वाला गीत
उत्तर- (b)
‘झल्ले आउवो’ गीत में किसका वर्णन है
(a) आउवा के ठाकुर कुशालसिंह के परिवार का
(b) अंग्रेजों एवं आउवा के ठाकुर कुशालसिंह के बीच हुए युद्ध का
(c) आउवा के युद्ध से पूर्व अंग्रेजों एवं आउवा के ठाकुर के मध्य हुए पत्र व्यवहार का
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (b)
नीबू, कसूम्बो, रिडमल ‘मधकर’, ‘एक थंमियौ महल’, ‘कोछबियों राणों’, ‘बीजा सोरठ’ आदि हैं
(a) लोक नाट्य
(b) लोक नृत्य
(c) लोकगीत
(d) विभिन्न संस्कार
उत्तर- (c)
‘जसमा ओढण’, ‘जलाल-बूबाना’ बींझे सोरठ री बात, सैणी-बीझानंद, उमादे भटियाणी, पन्ना-वीरमदे, नागजी-नागमती आदि हैं
(a) शौर्यप्रधान कथाएँ
(b) राजस्थानी प्रेमप्रधान लोक कथाएँ
(c) त्रियाचरित्र की कथाएँ
(d) लोक देवी-देवताओं की गाथाएँ
उत्तर- (b)
‘रोलो वापरियों’ गीत में वर्णन किया गया है
(a) अंग्रेजों की ‘फूट डालो, राज करो, की नीति का
(b) 1857 की क्रांति का
(c) डूंग-जी-जवार जी की वीरता का
(d) लोटिया जाट एवं करणिया मीणा का
उत्तर- (a)
राजस्थानी नाटकों के जनक एवं निर्देशक थे
(a) स्व. बाबू माणिक्यलाल डाँगी
(b) कन्हैयालाल पँवार
(c) मास्टर नैनूराम
(d) गणपतलाल डाँगी
उत्तर- (b)
पारसी रंगमंच के ख्यातिलब्ध राजस्थानी कलाकार थे
(a) स्व. बाबू माणिक्यलाल डाँगी
(b) कन्हैयालाल पँवार
(c) गणपतलाल डाँगी
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (d)
अलवर का ‘रसखान’ कहा जाता है
(a) मोहम्मद शाह रंगीले
(b) नवाब वाजिद अली शाह
(c) राव अलीबख्श
(d) सम्मोखन सिंह
उत्तर- (c)
‘मोर नृत्य’ किस जाति की स्त्रियों द्वारा किया जाता है?
(a) नट
(b) भवाई
(c) लेगा
(d) मांगणियार
उत्तर- (a)
‘सँपेरा नृत्य’ किस जाति का है?
(a) नट
(b) कालबेलिया
(c) भोपा
(d) कंजर
उत्तर- (b)
‘बरगू’ है
(a) तत् वाद्य
(b) सुषिर वाद्य
(c) ताल वाद्य
(d) घन वाद्य
उत्तर- (b)
राजस्थान का रजवाड़ी गीत ‘केसरिया बालम’ किस राग में गाया जाता है?
(a) मांड
(b) पीलू
(c) सारंग
(d) मोड
उत्तर- (a)
उमराव
(a) तुर्रा कलंगी लोक नाट्य का एक पत्र
(b) गीदड़ खेलने के समय गाया जाने वाला लोकगीत
(c) गरासियों का निवास स्थान
(d) एक प्रकार का वाद्य
उत्तर- (b)
बीछूड़ो है
a) पैर में पहना जाने वाला एक आभूषण
(b) हाड़ौती क्षेत्र का एक लोकगीत
(c) गज की सहायता से बजाया जाने वाला यंत्र
(d) शेखावटी क्षेत्र का एक लोकगीत
उत्तर- (b)
कोयलड़ी गीत कब गाया जाता है?
(a) कन्या पक्ष की स्त्रियों द्वारा कन्या की विदाई के समय
(b) अलवर जिले के नटों द्वारा
(c) पति की प्रतीक्षा में पत्नी द्वारा
(d) बसन्त ऋतु के आगमन पर उदयपुर की भील जनजाति द्वारा
उत्तर- (a)
जोधपुर में लोक कला संग्रहालय का उद्घाटन कब किया गया?
(a) 3 जनवरी, 2000
(b) 7 मार्च, 2001
(c) 31 दिसम्बर, 2001
(d) 1 अप्रैल, 2002
उत्तर- (a)
राजस्थानी लोकगीत ‘पटेल्या’ किसके द्वारा रचित है?
(a) रवि प्रकाश नाग
(b) विमला नाग
(c) जनार्दन राय
(d) श्री तारादत्त ‘नि£वरोध’
उत्तर- (d)
‘मरुभूमि की कोकिला’ कहा जाता है
(a) गवरी देवी
b) बन्नो बेगम
(c) अल्लाह जिलाई बाई
(d) मांगी बाई
उत्तर- (c)
‘चौकड़िया’ है
(a) सिरोही क्षेत्र की रम्मत
(b) हाड़ौती क्षेत्र में प्रचलित लोक नाट्य
(c) धाकड़ जाति का लोक गीत
(d) एक लोक वाद्य
उत्तर- (b)
‘अमर सिंह राठौड़ रम्मत’ के प्रमुख पात्र हैं
(a) नागौर के राजा राठौड अमरसिंह
(b) बादशाह शाहजहाँ का साला सूबेदार सलावत खाँ
(c) हाड़ौती के हाड़ाराव की कुँवरी (हाड़ी रानी)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (d)
परसराम(परशुराम) है
(a) बहुरूपिया कलाकार
(b) संगीतकार
(c) कुचामणी ख्याल कलाकार
(d) लोक गायक
उत्तर- (a)
बारह गुवाड़ के चौक में खेली जाने वाली ‘हेड़ाऊ-मैरी री रम्मत’ के उस्ताद थे
(a) देवकिशन जी पुरोहित
(b) सुवा महाराज
(c) तनसुखदास जी रंगा
(d) फागु महाराज
उत्तर- (c)
गुलाबो किस क्षेत्र में विख्यात् है
(a) खेलकूद
(b) लोकगायिकी
(c) नटकला
(d) लोकनृत्य
उत्तर- (d)
राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र (अलवर-भरतपुर) में सर्प के काटे हुए का लोक देवताओं के यहाँ इलाज करते समय बजाया जाने वाला वाद्य है
(a) झालर
(b) भरनी
(c) चिमटा
(d) थाली
उत्तर- (b)
‘हेड़ाऊ मैरी री रम्मत’ का कथानक है
a) वीर रस प्रधान
(b) शंृगार रस प्रधान
(c) हास्य रस प्रधान
(d) भक्ति रस प्रधान
उत्तर- (b)
निम्न में से असंगत युग्म है लोक नाट्य प्रकार
(a) जयदेव चिड़ावा के कलाली ख्याल
(b) गोगा चुहाण कुचामनी ख्याल
(c) रुक्मणि मंगल कन्हैया ख्याल
(d) स्वतंत्र बावनी रम्मत
उत्तर- (c)
‘मेडिया’ पात्र किस ख्याल में विशेषत: भूमिका निभाता है?
(a) चिड़ाक
(b) कुचामणी
(c) हेला
(d) कन्हैया
उत्तर- (d)
दौसा, लालसोट, सवाई माधोपुर आदि क्षेत्रों में प्रचलित ख्याल है
(a) हेला
(b) कन्हैया
(c) ढप्पाली
(d) अलीबख्शी
उत्तर- (a)
जवारा नृत्य किस जाति से संबंधित है?
(a) कथौड़ी
(b) गरासिया
(c) बालदिया
(d) भील
उत्तर- (b)
‘पाबूजी के पवाड़ों’ के गायन में प्रयुक्त लोक वाद्य है
(a) रावणहत्था
(b) माठ
(c) खंजरी
(d) भपंग
उत्तर- (b)
निम्न में से कौन-सा वाद्य ‘वीणा’ के आकार का होता है एवं ‘वीणा’ का प्रारम्भिक रूप कहा जाता है?
(a) भपंग
(b) कामायचा
(c) चिकारा
(d) जन्तर
उत्तर- (d)
झाड़शाही ख्याल किस क्षेत्र में प्रचलित है?
(a) हाड़ौती क्षेत्र
(b) मेवाती क्षेत्र
(c) ढूँढ़ाड़ क्षेत्र
(d) गोडवाड़ क्षेत्र
उत्तर- (c)
‘कुचामण’ ख्याल शैली के नारी पात्रों की भूमिका के लिए विख्यात् कलाकार थे
(a) उगमराज
(b) लच्छीरामजी
(c) दूलिया राणा
(d) कन्हैयालालजी
उत्तर- (a)
निम्न में से सही सुमेलित युग्म को छाँटिए
लोकनृत्य जाति
(अ) नेजा नृत्य :. गरासिया
(ब) चरी नृत्य :. मीणा
(स) मावलिया नृत्य : कथौड़ी
(द) लूर नृत्य :. भील
उत्तर- (c)
निम्न में से असुमेलित है
(a) जवारा नृत्य गरासिया जाति
(b) द्विचकी नृत्य मीणा जाति
(c) मावलिया नृत्य कथौड़ी जाति
(d) रतवई नृत्य मेव जाति
उत्तर- (b)
राजस्थान की प्रथम एवं एकमात्र महिला ध्रुपद गायिका हैं
(a) भानुमती
(b) मधु भटट् तैलंग
(c) माँगी बाई
(d) देविका भट्ट
उत्तर- (b)
अपने यजमानों की वंशावलियाँ लिखना तथा उनका बखान किस जाति का प्रमुख कार्य है?
(a) राणा का
(b) ढोली का
(c) मिरासी का
(d) भाटों का
उत्तर- (d)
सारंगी को एकल वाद्य के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय किसे है?
(a) पं. मणिराम
(b)पं. रामनारायण
(c) पं. रामलाल माथुर
(d) राजकुमार रिजवी
उत्तर- (b)
प्रसिद्ध संगीतज्ञ रमाबाई किसकी पुत्री थी?
(a) महाराणा कुंभा
(b) महाराणा लाखा
(c) महाराणा मोकल
(d) महाराणा साँगा
उत्तर- (a)
लोक नाट्यों का मेरु नाट्य किसे कहा जाता है?
(a) गवरी
(b) रम्मत
(c) तमाशा
(d) नौटंकी
उत्तर- (a)
‘इण्डियन म्यूजिक’ नामक पुस्तक लिखी
(a) विलियम जेम्स
(b) टैस्सीटोरी
(c) जेम्स टॉड
(d) पं. विष्णु नारायण भातखंडे
उत्तर- (a)
करौली क्षेत्र की कुल देवी ‘कैला देवी’ की आराधना में गाए जाने वाले गीत हैं
(a) लांगुरिया
(b) हींडो
(c) इंडोणी
(d) लावणी
उत्तर- (a)
उत्तरी मेवाड़ के भीलों का प्रसिद्ध लोकगीत जिसे स्त्री-पुरुष साथ मिलकर गाते हैं?
(a) सूंवटिया
(b) पीपली
(c) सुपणा
(d) हमसीढ़ो
उत्तर- (d)
नृत्य के साथ तबले और सारंगी का संगम किस स्वांग में दर्शनीय है
(a) जमराबीज का स्वांग
(b) चीरा स्वांग
(c) मीणियों का स्वांग
(d) खोड्या का स्वांग
उत्तर- (b)
रासधारी लीला का सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ
(a) बांगड़ क्षेत्र में
(b) वागड़ क्षेत्र में
(c) गोडवाड़ क्षेत्र में
(d) मेवाड़ में क्षेत्र में
उत्तर- (c)
चौक च्यानणी है
(a) गणेश चतुर्थी पर बालकों द्वारा किया जाने वाला स्वांग
(b) मारवाड़ी डंडियों के स्वांग
(c) उदयपुर में स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला स्वांग
(d) विवाहोत्सव में किया जाने वाला स्वांग
उत्तर- (a)
निम्न में से असत्य है
(a) मारवाड़ रियासत में ‘न्हाण’ का आयोजन सर्वप्रथम हुआ
(b) सांगोद का ‘न्हाण’ प्रसिद्ध है। न्हाण में ‘चाचा बोहरा’ का स्वांग मुख्य माना जाता है
(c) होलिका की मृत्यु के दस बारह दिन बाद उसका शोक दूर करने की क्रिया का आयोजन ‘न्हाण’ के रूप में होता है
(d) सांगोद में चैत्र कृष्ण तृतीया-चतुर्थी को बाजार का न्हाण तथा चैत्र कृष्ण षष्ठी-सप्तमी को खाड़े के न्हाण की सवारी निकाली जाती है
उत्तर- (a)
नौटंकी ख्यालों को पेशेवर बनाने का श्रेय प्राप्त है
(a) नत्थाराम को
(b) मुरलीधर हरनारायण को
(c) भुर्रिलाल को
(d) चाचा बोहरा को
उत्तर- (a)
फतेहपुर निवासी प्रहलादीराम झालीराम पुरोहित ने किस ख्याल की प्रतिष्ठा की?
(a) जयपुरी ख्याल
(b) कुचामणी ख्याल
(c) किशनगढ़ी ख्याल
(d) शेखावटी ख्याल
उत्तर- (d)
‘पवाड़े’ हैं
(a) लोकनायकों की वीर रसात्मक लोक गाथाएँ
(b) रोमांच कथात्मक लोक वार्ताएँ
(c) प्रेमकथात्मक लोक कथाएँ
(d) धा£मक कथात्मक लोक कथाएँ
उत्तर- (a)
गरासियों का ‘गौर नृत्य’ आयोजित होता है
(a) फाल्गुन शुक्ल दूज
(b) फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी
(c) चैत्र शुक्ल चतुर्थी
(d) चैत्र कृष्ण तीज
उत्तर- (c)
किसी विरहिणी नायिका द्वारा अनुभूत वियोगजन्य दु:खों का वर्णन करने वाले गीत हैं
(a) लूंबर
(b) कामण
(c) बारहमासी
(d) गाडुलौ
उत्तर- (c)
डमरू एवं पिनाक का प्रवर्तक माना जाता है
(a) विष्णु
(b) ब्रह्मा
(c) शिव
(d) महेश
उत्तर- (c)
कौन-सा नृत्य ‘फूलों के शृंगार’ के लिए प्रसिद्ध है?
(a) झूमर नृत्य
(b) सांग नृत्य
(c) मयूर नृत्य
(d) माछरी नृत्य
उत्तर- (a)
‘रुलाने वाले फकीर’ के नाम से प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे
(a) अल्लादिया खाँ
(b) किशोरी अमोणकर
(c) मानतोल खाँ
(d) बाबा गोपालदास
उत्तर- (c)
निम्न में से असंगत है
प्रसिद्ध संगीतज्ञ घराना
(a) घग्घे खुदा – आगरा घराना बख्श खाँ
(b) हदू खाँ एवं – ग्वालियर हस्सू खाँ घराना
(c) पं. भीमसेन – दिल्ली घराना जोशी
(d) अमृत सेन – सेनिया घराना
उत्तर- (c)
प्रसिद्ध बीनकार श्री रज्जब अली खाँ जयपुर के किस शासक के दरबार में थे?
(a) सवाई जयसिंह (द्वितीय)
(b) सवाई प्रतापसिंह
(c) माधोसिंह (द्वितीय)
(d) सवाई रामसिंह
उत्तर- (d)
ख्याल शैली के जयपुर घराने के प्रवर्तक माने जाते हैं
(a) कल्लन खाँ
(b) जहाँगीर खाँ
(c) मनरंग
(d) छज्जू खाँ
उत्तर- (c)
राजस्थान का प्रसिद्ध पखावज वादक हैं
(a) पंडित पुरुषोत्तम दास
(b) असगर अली खाँ
(c) पंडित रामनारायण
(d) उस्ताद हिदायत खाँ
उत्तर- (a)
राजस्थानी लोक नृत्यों के प्रकार
गौरी नृत्य
भील जनजाति का सबसे प्रसिद्ध कला रूप गौरी
है, जो एक प्रकार का नृत्य है। कलाकार एक महीने के लिए एक मंडली के रूप में एक गांव से दूसरे यात्रा पर जाते हैं, जिस दौरान नौ अधिकारी एक सख्त नियम का पालन करते हैं। संपूर्ण मंडली एक देवता के लिए केंद्रित एक केंद्रीय स्थान के आसपास नृत्य करती है।
घूमर नृत्य
घूमर नृत्य राजस्थान का एक बहुत प्रसिद्ध और सामुदायिक नृत्य है। यह महिलाओं द्वारा मेलों और त्यौहारों जैसे विभिन्न शुभ अवसरों पर किया जाता है।
तेरहताली नृत्य
यह आकर्षक नृत्य भी महिलाओं द्वारा किया जाता है और इसे नृत्य का एक भक्ति रूप माना जाता है। मंजीरों को कलाकारों की कलाई, कोहनी, कमर, बांहों पर बांधा जाता है। निपुण और ठीक आंदोलनों वाली महिलाएं मंजीरेस
की धड़कन पर एक मजबूत ताल पर नृत्य करती हैं, जबकि, पुरुष साथी गाते हैं औरतंदूर
पर खेलते हैं।
ड्रम डांस
राजस्थानी लोक नृत्यों के प्रकार
अग्नि नृत्य
सरगर्मी आग नृत्य बीकानेर और चुरू जिलों के जसनाथियों
द्वारा किया जाता है। यह नृत्य जसनाथियों की जीवन शैली का उदाहरण है। ये भक्ति नृत्य केवल देर रात में ही देखे जा सकते हैं।
चरी नृत्य
यह ग्रामीणों का एक नृत्य रूप है और जब वे पानी खोजते हैं और उसे ढूंढते हैं, तो उनकी खुशी पर अमल करते हैं। महिलाएं अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए कई मील दूर जाती हैं। जाते समय वे चरी नृत्य के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। अपने सिर पर पीतल के बर्तन को संतुलित करते हुए नर्तक अपने हाथों से आंदोलनों के सही पैटर्न प्राप्त करने के लिए विभिन्न चरणों और नृत्य करते हैं।
कथपुतली नृत्य
कठपुतली नृत्य का अर्थ है कठपुतलियों का नृत्य। यह भारतीय राज्य राजस्थान का एक पारंपरिक नृत्य है। कठपुतली शो के माध्यम से महान बगुलों की सभी वास्तविक कहानियों को गांव से दूसरे में बताया गया है।
कालबेलिया नृत्य
कालबेलिया, राजस्थान का एक सांप-छछूंदर समुदाय है, जो कालबेलिया नृत्य करता है। वे अपने रहने के लिए इस नृत्य प्रदर्शन पर बहुत भरोसा करते हैं।
गेर नृत्य
गेर नृत्य राजस्थान के भील समुदाय का एक लोक नृत्य है, जो होली के त्योहार पर किया जाता है। इस नृत्य में पुरुषों और महिलाओं के प्रदर्शन में कई अंतर हैं।
भवाई नृत्य
यह फ़ॉर्म बहुत कठिन है और केवल कुशल कलाकारों द्वारा ही किया जा सकता है। इस नृत्य में मूल रूप से महिला नर्तकियों को 8 से 9 घड़े अपने सिर पर रखकर एक साथ नृत्य करना शामिल है।
ड्रम डांस
यह राजस्थान के जालोर क्षेत्र का एक पेशेवर नृत्य है, जहाँ केवल पुरुष प्रतिभागी ही प्रदर्शन कर सकते हैं। इस नृत्य में, पांच लोग विशाल ड्रमों को पीटते हैं जो उनके गले में बंधे होते हैं; एक नर्तकी, जो अपने हाथों में विशाल झांझ रखती है, उनका भी साथ देती है। अतिरिक्त प्रभाव के लिए, कुछ सदस्य अपने मुंह में नग्न तलवार रखते हैं।
अग्नि नृत्य
सरगर्मी आग नृत्य बीकानेर और चुरू जिलों के जसनाथियों
द्वारा किया जाता है। यह नृत्य जसनाथियों की जीवन शैली का उदाहरण है। ये भक्ति नृत्य केवल देर रात में ही देखे जा सकते हैं।
चरी नृत्य
यह ग्रामीणों का एक नृत्य रूप है और जब वे पानी खोजते हैं और उसे ढूंढते हैं, तो उनकी खुशी पर अमल करते हैं। महिलाएं अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए कई मील दूर जाती हैं। जाते समय वे चरी नृत्य के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। अपने सिर पर पीतल के बर्तन को संतुलित करते हुए नर्तक अपने हाथों से आंदोलनों के सही पैटर्न प्राप्त करने के लिए विभिन्न चरणों और नृत्य करते हैं।
कथपुतली नृत्य
कठपुतली नृत्य का अर्थ है कठपुतलियों का नृत्य। यह भारतीय राज्य राजस्थान का एक पारंपरिक नृत्य है। कठपुतली शो के माध्यम से महान बगुलों की सभी वास्तविक कहानियों को गांव से दूसरे में बताया गया है।
कालबेलिया नृत्य
कालबेलिया, राजस्थान का एक सांप-छछूंदर समुदाय है, जो कालबेलिया नृत्य करता है। वे अपने रहने के लिए इस नृत्य प्रदर्शन पर बहुत भरोसा करते हैं।
गेर नृत्य
गेर नृत्य राजस्थान के भील समुदाय का एक लोक नृत्य है, जो होली के त्योहार पर किया जाता है। इस नृत्य में पुरुषों और महिलाओं के प्रदर्शन में कई अंतर हैं।
भवाई नृत्य
यह फ़ॉर्म बहुत कठिन है और केवल कुशल कलाकारों द्वारा ही किया जा सकता है। इस नृत्य में मूल रूप से महिला नर्तकियों को 8 से 9 घड़े अपने सिर पर रखकर एक साथ नृत्य करना शामिल है।
राजस्थान के प्रमुख लोक नृत्य कौन कौन से हैं?
क्षेत्रीय स्तर पर विकसित होने वाले लोकनृत्यों में मेवाड़ क्षेत्र का गैर नृत्य, शेखावाटी का गींदड एवं चंग नृत्य, मारवाड़ का डांडिया नृत्य, जालौर का ढ़ोल नृत्य, बीकानेर के नाथ-सिद्ध का अग्नि नृत्य, अलवर तथा भरतपुर का बम नृत्य और सम्पूर्ण राजस्थान का घूमर नृत्य मुख्य है
राजस्थान का सबसे प्राचीन नृत्य कौन सा है?
कथक शब्द का अर्थ कथा को नृत्य रूप से कथन करना है। प्राचीन काल मे कथक को कुशिलव के नाम से जाना जाता था। यह बहुत प्राचीन शैली है क्योंकि महाभारत में भी कथक का वर्णन है
राजस्थान का राजकीय नृत्य कौनसा है?
घूमर भारतीय राज्य राजस्थान में राजपूत राजाओं के शासनकाल के दौरान लोकप्रिय हो गया और आमतौर पर महिलाओं द्वारा सभाओं के दौरान किया जाता है। यह राजस्थान का नृत्य रूप है जो सबसे पहले भील जनजाति नामक एक आदिवासी समूह द्वारा देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए किया जाता था। यह राजस्थान का राजकीय नृत्य है
मेवाड़ का लोक नृत्य कौनसा है?
रण नृत्य रण नृत्य वीर रस का पुरूष प्रधान नृत्य है रण नृत्य में दो पुरूष हाथों में तलवार आदि शस्त्र लेकर युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हुए इस नृत्य को करते है। यह नृत्य मेवाड़ क्षेत्र में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। रण नृत्य गोडवाड के सरंगो द्वारा भी किया जाता है।
कालबेलिया नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध है?
कालबेलिया राजस्थान की एक प्रसिद्ध नृत्य शैली है। वैसे कालबेलिया यहां की सपेरा जाति को कहा जाता है। इसलिए इसे इसी जाति का नृत्य कहा जाता है
राजस्थान राज्य के मधुर लोक नृत्य कौन सा है?
गेर नृत्य भारत में राजस्थान का पारम्परिक प्रसिद्ध और सुन्दर लोक नृत्य है। यह नृत्य प्रमुखतः भील मीणा आदिवासियों द्वारा किया जाता है,यह खास तौर पर भील प्रदेश यानी प्रतापगढ़,बासवाड़ा और डुगंरपुर में ज्यादा किया जाता है परन्तु पूरे राजस्थान में पाया जाता है राजस्थान में बाडमेर के कनाना व लखेटा की प्रसिद्ध है।
लोक नृत्य का जनक कौन है?
भक्ति आंदोलन के महान संत शंकरदेव को ‘सात्रिया’ नृत्य शैली का जनक माना जाता है। यह नृत्य-नाट्य शैली में मंचित किया जाता है। वर्ष 2009 में ‘संगीत नाटक अकादमी’ ने इसे शास्त्रीय नृत्य के रूप में मान्यता प्रदान की थी।
मछली नृत्य क्या है?
मछली नृत्य राजस्थान बाड़मेर में बंजारा जाति द्वारा किया जाता है | यह एक बात नेट है जिसका प्रारंभ खुशी से वह अंत दुख के साथ होता है यह नृत्य प्रेम कहानी पर आधारित है।
भवाई नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना कौन है?
पुष्पा व्यास, भवाई नृत्य की पहली महिला कलाकार थीं। उन्होने भवाई नृत्य को राजस्थान और राजस्थान से बाहर पहचान दिलाई थी। भवाई नृत्य यह मूलतः मटका नृत्य है, इस नृत्य की यही पहचान है। इसे करने वाला अपने सिर पर मटका लिए रहता है।
आज अपने क्या सीखा?
मैं आपसे उम्मीद करती हूँ की आपने “राजस्थान के प्रमुख लोकनृत्य | Folk Dance of Rajasthan” की इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ लिया होगा. आपके “राजस्थान के प्रमुख लोकनृत्य | Folk Dance of Rajasthan” से सम्बन्धित सारे डाउट भी क्लियर हो गए होंगे.
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