राजस्थान के वन | Forest in Rajasthan

Table of Contents

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राजस्थान के वन, राजस्थान में वन, वनो के प्रकार, राजस्थान में वनों के प्रकार- etc.

मिश्रित वन

  • यह राजस्थान के सबसे सघन वन है।
  • इस प्रकार के वनों में सदाबहार एवं पतझड़ वन मिश्रित रूप से पाए जाते है
  • मिश्रित वन सर्वाधिक उदयपुर में पाये जाते है।
  • राज्य में मिश्रित वन सिरोही, चित्तौडगढ, कोटा, बूंदी आदि जिलो में पाए जाते है

शुष्क सागवान के वन

  • राजस्थान में सागवान के सर्वाधिक वन बांसवाड़ा जिले में पाये जाते है।
  • इसके अतिरिक्त चित्तोड़गढ़, उदयपुर मे भी सागवान के वन मिश्रित रूप में पाये जाते है।
  • यह राजस्थान के कुल वन का लगभग 6.86% है।
  • यहां 75-110 सेमी वर्षा होती है।

उत्तरी उष्ण कटिबंधी पतझड़ के वन

  • ये वन अरावली पर्वत माला के पर्वतीय ढालो एवं पठारी क्षेत्रो में पाए जाते है
  • राजस्थान के सर्वाधिक क्षेत्रों पर इन वनों का विस्तार है।
  • इन वनों में आम, नीम, पीपल, खेजड़ी, बरगद के वन प्रमुखता से पाये जाते है।

ढाक अथवा पलाश के वन

  • यह राजस्थान के नदी घाटी क्षेत्र की नम मिट्यिों में पाये जाते है।
  • पलाश वृक्ष को फ्लेम ऑफ दी फॉरेस्ट कहा जाता है।

सालर के वन

  • इन वनों में सर्वाधिक इमारती एवं ईंधन लकड़ी के योग्य वृक्ष पाये जाते है।
  • यह वन राजस्थान के मध्य एवं मध्य पूर्वी भागों में पाये जाते है।

उष्ण कटिबंधीय शुष्क पतझड़ के वन

  • पूर्वी एवं मध्य पूर्वी भागों मे पाये जाते है।
  • वनों में वृक्षों की पत्तियॉं वर्ष में कम से कम एक बार पूरी तरह गिर जाती है।
  • यह राजस्थान के कुल वन का लगभग 28.38% है।
  • यहां 30 से 60 सेमी वर्षा होती है।

उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन

  • यह वन राजस्थान मे सिरोही जिलें में माउण्ट आबू पर्वत के चारों और 32 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में पाये जाते है।
  • यह राजस्थान के कुल वन का लगभग 0.39% है।
  • यहां 125-150 सेमी या इससे अधिक वर्षा होती है।

राजस्थान वन रिपोर्ट 2021

• रिपोर्ट का नाम – भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021
• यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) – देहरादून (1981) द्वारा प्रत्येक 2 वर्ष में तैयार की जाती है।

वनावरण या वन क्षेत्र या Forest cover
वह सभी भूमि जिसका क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर से अधिक हो और वृक्ष घनत्व 10 % से अधिक हो वनावरण कहलाता है। भूमि का स्वामित्व व कानूनी दर्जा इसे प्रभावित नहीं करता है। यह आवश्यक नहीं है कि इस प्रकार की भूमि अभिलेखित वन में सम्मिलित हो।

वृक्षावरण या वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र या Tree cover
इसमें अभिलेखित वन क्षेत्र के बाहर 1 हेक्टेयर से कम आकार के वृक्ष खंड आते हैं।
वृक्ष आवरण में सभी प्रकार के वृक्ष आते हैं, जिनमें छितरे हुए वृक्ष भी सम्मिलित हैं।

राजस्थान में वन

• राज्य में वनों एवं वृक्षों से आच्छादित कुल क्षेत्रफल 25,388 वर्ग किमी है जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 7.4% है।

वनावरण Forest cover 16,654.96 वर्ग किमी 4.87%
वृक्षावरण Tree cover   8,733 वर्ग किमी 2.56%
कुल वनावरण एवं वृक्षावरण25,388 वर्ग किमी 7.4%

• राजस्थान में कुल वनावरण 16,654.96 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 4.87% है। (16,655 वर्ग किमी)

• राजस्थान में 2019 के आकलन की तुलना में कुल वनावरण में 25.45 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है।

• राजस्थान में कुल वनावरण 8,733 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.56% है।

• राज्य के 19 जिलों में वनों में वृद्धि हुई है, जबकि 14 जिलों में कमी हुई है।

• राज्य में गैर वन क्षेत्र (Non Forest Area) राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 93.72% है। 

वनावरण क्षेत्र 4.87% 

झाड़ी क्षेत्र 1.41% 

नॉन फॉरेस्ट एरिया 93.72%

राज्य में घनत्व के आधार पर वनों की स्थिति:-

अति सघन वन (VDF)       78.15 वर्ग किमी0.02%
मध्यम सघन वन (MDF)  4,368.65 वर्ग किमी 1.28%
खुले वन (OF)12,208.16 वर्ग किमी 3.57%
कुल वनावरण16,654.96 वर्ग किमी 4.87%
कुल झाड़ी क्षेत्र (Scrub)  4,808.51वर्ग किमी1.41%

अति सघन वन में परिवर्तन नहीं हुआ है, मध्यम सघन वन में 27 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है तथा खुले वनों में 2 वर्ग किमी की कमी हुई है।

राज्य के कुल वन क्षेत्र में सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले:-

              सर्वाधिक वन क्षेत्र                   न्यूनतम वन क्षेत्र
 उदयपुर (U)2753.39 वर्ग किमी  चूरू  77.69 वर्ग किमी
 अलवर  (A)1195.91 वर्ग किमी हनुमानगढ़  92.97 वर्ग किमी
 प्रतापगढ़ (P)1033.77 वर्ग किमी जोधपुर109.25 वर्ग किमी
 बारां (B)1010.05 वर्ग किमी गंगानगर115.09 वर्ग किमी

जिलों के भौगोलिक क्षेत्रफल के प्रतिशत के अनुसार सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले:-

              सर्वाधिक वन क्षेत्र                   न्यूनतम वन क्षेत्र
 उदयपुर (U) 23.49% जोधपुर 0.48%
 प्रतापगढ़ (P) 23.24% चूरु 0.56%
 सिरोही (S) 17.49% जैसलमेर 0.84%
 करौली (C) 15.28% बीकानेर 0.92%

वन स्थिति रिपोर्ट 2019 की तुलना में वनावरण क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि एवं सर्वाधिक कमी वाले जिले:-

               सर्वाधिक वृद्धि वाले                  सर्वाधिक कमी वाले
 जिला वर्ग किमी जिला  वर्ग किमी
 अजमेर 26.45 जालौर -32.46 
 पाली 26.01 करौली -26.16 
 बीकानेर 24.10  सिरोही -13.49

सर्वाधिक एवं न्यूनतम झाड़ी क्षेत्र वाले जिले:-

             सर्वाधिक झाड़ी क्षेत्र                 न्यूनतम झाड़ी क्षेत्र
 जिला वर्ग किमी जिला वर्ग किमी
 पाली 357.60 हनुमानगढ़   6.71
 करौली 300.54 गंगानगर 15.78
 जयपुर  272.85 चूरू 27.48

बांस संसाधन:-

• राजस्थान में 1555 वर्ग किमी बांस क्षेत्र है, जो देश के बांस क्षेत्र का 1.04% है।

• राज्य में बांस कल्म की संख्या:- 382 मिलियन।

कार्बन स्टॉक:-

• राजस्थान में कुल कार्बन स्टॉक 110.77 मिलियन है, जो देश के कुल कार्बन स्टॉक का 1.54% है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:-

राजस्थान में शिकार एक्ट घोषित करने वाली प्रथम रियासत – टोंक (1901)

• स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान में पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध हेतु 1910 में जोधपुर रियासत में वन संरक्षण योजना लागू की गई।
• राजस्थान में 1949-50 में वन विभाग की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में है।

• राजस्थान में सर्वप्रथम अलवर रियासत ने वन अधिनियम 1935 बनाया था। जिसे आजादी के बाद 1953 में पारित कर राजस्थान वन अधिनियम बनाया गया।

• 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा वनों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया। इससे पहले वन राज्य सूची का विषय था।

खेजड़ी (प्रोसेपिस सिनैरेरिया)

• 1983 में इसे राज्य वृक्ष घोषित किया गया।
• खेजड़ी का वैदिक नाम शमी है तथा इसे राजस्थानी भाषा में जांटी कहते हैं।
• विजयादशमी के दिन खेजड़ी के वृक्ष की पूजा की जाती है।
• दीर्घायु वनस्पति होने के कारण इसे राजस्थान का कल्पवृक्ष भी कहते हैं।
• खेजड़ी की फली को सांगरी तथा पत्तियों को लूम कहते हैं।
• राजस्थान में सर्वाधिक खेजड़ी वृक्ष की अधिकता जोधपुर जिले में है।

खेजड़ली बलिदान
1730 में जोधपुर रियासत के खेजड़ली गांव में अमृता देवी के नेतृत्व में विश्नोई समाज के 363 व्यक्तियों ने खेजड़ी वृक्षों की रक्षा में प्राणोत्सर्ग किया। इस समय जोधपुर के राजा अभयसिंह थे।
इस घटना की याद में खेजड़ली गांव में भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला लगता है।

पंचकूटा:– कैर, कुमटिया, गोंदा, सांगरी, लाल मिर्च।

रोहिड़ा (टिकोमेला अण्डुलेटा)

• 1983 में इसे राज्य पुष्प का दर्जा दिया गया।
• रोहिडा को मरुस्थल का सागवान, मरू शोभा, मारवाड़ का टीक भी कहते हैं।
• इस पर केसरिया रंग के फूल आते हैं।

राजस्थान में सर्वाधिक वन किस जिले में है ? – उदयपुर

राजस्थान में न्यूनतम वन किस जिले में है ? – चुरू

वनो के प्रकार

वन-सरंक्षण की दिशा में प्रयास-

  • राजस्थान में वन संरक्षण के लिए एकीकृत वन विभाग की स्थापना 1951 में की गई, तब राजस्थान के सभी वनों को नियमित वैज्ञानिक प्रबंध के अंतर्गत लिया गया और वनों की सीमा का सीमांकन किया गया।
  • लगभग सभी वन-क्षेत्रों या फारेस्ट-ब्लॉक्स को राजस्थान वन अधिनियम 1953 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया ।
  • सन 1960 में जमीदारी उन्मूलन के साथ जागीर एवं जमीन वन राजस्थान वन विभाग के नियंत्रण में आ गए।
  • जंगलों का वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए सभी वन प्रभागों के पास नियमित रूप से कार्ययोजना है। राज्य के शुष्क परिस्थितियों तथा मरुस्थलीकरण को कम करने के लिए व्यापक वनीकरण योजनाओं रूप में अच्छी तरह से लागू की गई।

राज्य के वनों की सामान्य विशेषताएं-

  • राजस्थान का क्षेत्रफल नॉर्वे (3,24,200 वर्गकिमी), पोलैंड (3,12,600 वर्ग किमी) और इटली (3,01,200 वर्गकिमी) जैसे कुछ पश्चिमी दुनिया के विकसित देशों के लगभग बराबर है।
  • राजस्थान में वनों का कुल क्षेत्रफल 32,638.74 वर्ग किलोमीटर है जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 9.54% है।
  • राजस्थान में वनक्षेत्र उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी भागों में असमान रूप से फैले हुए हैं।
  • राज्य में सागौन वन विद्यमान हैं जो भारत में सागौन वनक्षेत्र की सबसे उत्तरी सीमा है। राजस्थान के ज्यादातर वन edapho-climatic climax वन हैं।
  • राज्य में वन न केवल आंशिक रूप से ईंधन की लकड़ी और ग्रामीण लोगों के चारे की मांग को पूरा करते हैं बल्कि राज्य घरेलू उत्पाद (एसडीपी) में Rs.7160 मिलियन योगदान करते हैं।
  • राजस्थान में प्राकृतिक वनों की हद न केवल देश में सबसे कम है, लेकिन यह वन-उत्पादकता की दृष्टि से भी सबसे कम है।
  • इसके विपरीत राजस्थान बंजर भूमि की सबसे बड़ी मात्रा के साथ समृद्ध राज्य है जो देश की कुल बंजर भूमि का लगभग 20% है
  • राजस्थान में 15 वर्षो में यहाँ के वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। वर्ष 1990-91 में जहाँ राज्य में वन क्षेत्र का प्रतिशत 6.87 था, वह वर्ष 2005-06 में 9.54 प्रतिशत हो गया।
  • राजस्थान में वन क्षेत्र का विस्तार 32,638.74 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल क्षेत्र का 9.54 प्रतिशत है। यह प्रतिशत राष्ट्रीय वन नीति द्वारा निर्धारित 33.33 प्रतिशत से बहुत कम है।
  • प्रदेश में सर्वाधिक प्रतिशत वन-क्षेत्र करौली जिले में 34.21 प्रतिशत है।
  • राज्य में सबसे कम वन क्षेत्रफल वाला जिला चूरू है जिसमें मात्र 71 वर्ग किमी. वनक्षेत्र है जो अर्थात 0.48 प्रतिशत है।
  • जैसलमेर, नागौर, बाड़मेर, बीकानेर, जौधपुर, टोंक, गंगानगर, हनुमानगढ़ तथा जालौर जिले ऐसे हैं जहाँ वनों का क्षेत्र 5 प्रतिशत से कम है।
  • सामान्य रूप से राजस्थान में शुष्क सागवान वन, सालर वन, ढाक अथवा पलाश के वन, मरूस्थली वनस्पति, शुष्क पतझड़ वन तथा मिश्रित वन मिलते है।

राज्य में वन क्षेत्रों के सीमित विस्तार के कारण-

  • यहाँ कम वर्षा होना
  • उच्च तापमान
  • मरूस्थली क्षेत्रों का अधिक विस्तार
  • अनियन्त्रित पशुचारण तथा
  • मानव द्वारा किया जाने वाला वनोन्मूलन

वन संसाधनों का प्राकृतिक महत्व- 

  • वन एक प्राकृतिक संसाधन है जिनका बहुमुखी उपयोग है। वन पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संतुलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • जैव-विविधता को संरक्षित रखते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन को रोकते है।
  • पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं।
  • प्राकृतिक सुंदरता में अभिवृद्धि करते हैं।
  • जलवायु को सम बनाते हैं, तापमान में वृद्धि रोकते हैं।
  • आर्द्रता में वृद्धि कर वर्षा में सहायक है। 
  •       मिट्टी के कटान को रोकते है। 

वनों का आर्थिक

महत्व-

  • राज्य में वनों से लगभग हजारों व्यक्तियों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। राजस्थान के वनों से जो मुख्य उपजें प्राप्त होती हैं वे निम्न हैं-  
  • वनों से इमारती लकड़ी (सागवान, धोकड़ा, सालर, शीषम, बबूल, आदि से) तथा ईंधन हेतु लकड़ी और कोयला प्राप्त होते है
  • तेंदू पत्ता एक महत्वपूर्ण उत्पाद है , जिसका उपयोग बीड़ी बनाने में होता है
  • वनों से बाँस, गोंद, कत्था, लाख, घास, खस, महुआ एवं अनेक प्रकार की औषधियां प्राप्त होती है।
  • इसके अतिरिक्त वनों से आँवला, कैर, बैर, शहद, मोम, तेंदू तथा अनेक कन्दमूल प्राप्त होते है।

राजस्थान में वनों के प्रकार-

राजस्थान पुष्पीय सम्पदा की दृष्टि से समृद्ध है किन्तु यह विभिन्नता लिए हुए छितराया हुआ है। चूँकि राज्य का पश्चिमी भाग मरू क्षेत्र है, अतः अधिकतर वन क्षेत्र पूर्वी तथा दक्षिणी भाग में ही सीमित है, जहां के वन असमान रूप से विभिन्न जिलों में फैले हुए है।

राज्य का अधिकाँश वन क्षेत्र पर्वतीय क्षेत्रों जैसे उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाडा, कोटा, बारां, सवाईमाधोपुर, सिरोही, बूंदी, झालावाड़, अलवर, में हैं जो राज्य के वनों का लगभग 50 % है।

राज्य में सघन प्राकृतिक वन अधिकतर विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों जैसे संरक्षित क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। राज्य के शेष वनीय इलाके में से क्षेत्र अधिकांश वृक्षारोपण विभिन्न चरणों द्वारा विकसित किये गए क्षेत्रों के रूप में हैं।

राजस्थान के वनों को निम्नांकित 4 व्यापक प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

1. उष्णकटिबंधीय कंटक वन (Tropical Thorn Forests)-

ये वन पश्चिमी राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये वन पश्चिमी भारत-पाक सीमा से प्रारंभ होकर धीरे-धीरे अरावली पहाड़ियों के शुष्क पतझड़ मिश्रित वन और दक्षिण-पूर्वी पठार के साथ विलय हो जाते हैं।

इस वन क्षेत्र में प्रमुख रूप से बबूल, केर, खेजड़ा (खेजड़ी-राज्य वृक्ष), कीकर, विलायती बबूल, बेर, रोहिड़ा, थूहड़ (थोर), नागफनी, ग्वारपाठा आदि वृक्ष पाए जाते हैं।

इन वनों मूल रूप से राजस्थान के पश्चिमी भाग अर्थात् जोधपुर, पाली, जालोर, बाड़मेर, नागौर, चुरू, बीकानेर आदि जिलों में पाए जाते हैं।

2. उष्णकटिबंधीय शुष्क पतझड़ वन (Tropical Dry Deciduous Forests)-

ये वन राज्य के अरावली पर्वतमाला के उत्तरी और पूर्वी ढलान के कुछ हिस्सों में छोटे-छोटे टुकड़ों में पाए जाते हैं, जो ज्यादातर अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों में हैं।

शुष्क पतझड़ वन की कुछ प्रजातियों की छिटपुट विकास जालौर, नागौर, गंगानगर और बीकानेर जिलों की नदियों के शुष्क प्रवाह क्षेत्रों में पाया जाता है। वनों के इस प्रकार में पायी जाने वाली मुख्य वृक्ष प्रजातियां धावा (धावड़ा), ढाक (पलाश), बबूल, खैर-कत्था, बहेड़ा, अर्जुन वृक्ष, सेमल, बांस, सागवान, गूलर, आम, बरगद, आंवला आदि है।

3. केन्द्रीय भारतीय उपोष्णकटिबंधीय पर्वतीय वन (Central Indian Sub – tropical Hill Forests)-

ये वन मध्य भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सबसे प्रचुर मात्रा पाए जाते हैं। राज्य में ये वन सिरोही जिले में, अधिकतर माउंट आबू के इर्द-गिर्द की पहाड़ियों पर पाए जाते हैं।

इन वनों में अर्द्ध सदाबहार और कुछ सदाबहार वृक्षों की प्रजातियां मिलती है ।  

माउंट आबू की वनस्पति में कई प्रकार के पौधें है जो हिमालय की उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र वृक्षों के समान हैं। ये वृक्ष माउंट आबू चारों ओर 700 मीटर से 800 ऊंचाई के मध्य प्रचुर रूप से  पाए जाते हैं।

4. विविध मिश्रित वन (Mixed Miscellaneous Forests)-

ये वन अधिकतर राजस्थान के दक्षिण पूर्वी और पूर्वी भाग में चित्तौड़गढ़, कोटा, उदयपुर, सिरोही, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बारां और झालावाड़ जिलों में पाए जाते हैं। इनमें मिश्रित प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं। धावा (धावड़ा), ढाक, बबूल, खैर- कत्था, हरड़, बहेड़ा, अर्जुन, सेमल, बांस, शीशम, नीम, सागवान आदि इनमे प्रमुख है।

प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के वनों की तीन श्रेणियां-

प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के वनों को तीन श्रेणियो  में विभक्त किया गया है –

1- आरक्षित वन – जिन पर पूर्ण सरकारी नियंत्रण होता है।

2- सुरक्षित वन – इनमें लकड़ी काटने, पशुचारण की सीमित सुविधा दी जाती है तथा इनको संरक्षित रखने का भी प्रयत्न किया जाता है।

3- अवर्गीकृत वन – इनमें शेष वन सम्मिलित किये जाते है, जिन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता।

राजस्थान के वन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

1. राजस्थान में निम्न में से जिन वनों का पूर्णतया अभाव है
A. सदाबहार वन
B. शंकुधारी वन
C. कंटीले वन
D. पर्णपाती वन
उत्तर. B

2. सामाजिक वानिकी कार्यक्रम कौन सी पंच वर्षीय योजना में प्रारम्भ हुआ
A. चौथी
B. पांचवीं
C. सातवीं
D. तीसरी
उत्तर. B

3. भारत सरकार की सहायता से राज्य में मरुस्थल विकास योजना किस वर्ष शुरु की गई है
A. 1998
B. 1988
C. 1978
D. 1984
उत्तर. C

4. राजस्थान राज्य में सबसे अधिक आरक्षित वन क्षेत्र वाले जिले कौन-से है
A. उदयपुर-सिरोही
B. अलवर-सवाई माधोपुर
C. चित्तौड़गढ़-सवाई माधोपुर
D. उदयपुर-चित्तौड़गढ़
उत्तर. D

5. राजस्थान राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र फल में वन क्षेत्र का सर्वाधिक प्रतिशत किस जिले में है
A. उदयपुर
B. सिरोही
C. बारां
D. चित्तौड़गढ़
उत्तर. A

6. राजस्थान राज्य में सागवान के वनों की प्रमुखता है
A. मरुस्थलीय क्षेत्र में
B. दक्षिण क्षेत्र में
C. पर्वतीय क्षेत्र में
D. पूर्वी तथा मैदानी क्षेत्र में
उत्तर. B

7. माउंट आबू के समीप 32 वर्ग किमी. क्षेत्र में 1070 मीटर से 1375 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्र में मुख्यतः पाए जाते हैं
A. शुष्क सागवान वन
B. शुष्क पतझड़ वन
C. ऊष्ण कटिबन्धीय वन
D. ढाक के वन
उत्तर. C

8. राज्य में कौन सा वृक्ष है जिसे भारतीय धर्म ग्रन्थों में शमी तथा स्थानीय भाषा में जांटी कहा जाता है
A. बबूल
B. झरबेरी
C. कैर
D. खेजड़ी
उत्तर. D

9. राजस्थान राज्य में वनों का कुल क्षेत्र फल कितना है
A. 31,972.30 वर्ग किमी.
B. 11,860.37 वर्ग किमी.
C. 16,748.78 वर्ग किमी.
D. 3,230.55 वर्ग किमी.
उत्तर. A

10. निम्न में से कौन सा जिला जोधपुर वन मंडल के क्षेत्र में नहीं आता है
A. चूरू
B. बाड़मेर
C. भरतपुर
D. गंगा नगर
उत्तर. C

11. सुरक्षित वन राजस्थान राज्य के कुल वन क्षेत्र के कितने प्रतिशत भाग में पाये जाते हैं
A. 52.60%
B. 10.14%
C. 36.03%
D. 32.6%
उत्तर. C

12. राजस्थान राज्य में वन संसाधनों एवं उनके वितरण को प्रभावित करने वाला कारण है
A. भू-आकृति
B. जलवायु
C. जैविक
D. उपर्युक्त सभी
उत्तर. D

13. राजस्थान राज्य शुष्क सागवान वन पाये जाते हैं
A. 100 सेमी. वर्षा वाले क्षेत्रों में
B. 50 सेमी. वर्षा वाले क्षेत्रों में
C. 70 सेमी. वर्षा वाले क्षेत्रों में
D. 40 सेमी. वर्षा वाले क्षेत्रों में
उत्तर. A

14. राजस्थान राज्य में वनों की कमी का प्रमुख कारण है
A. इमारती लकड़ी के लिए वनों की कटाई
B. जलवायु परिवर्तन
C. जलाने की लकड़ी के लिए वनों की कटाई
D. पशुचारण
उत्तर. B

15. घास के मैदानों या चारागाहों को राजस्थान राज्य में प्रायः किस स्थानीय नाम से पुकारा जाता है
A. जंगल
B. चारागाह
C. बीड
D. माहवट
उत्तर. C

16. राजस्थान राज्य का वह कौन सा जिला है जो वन सम्पदा में धनी है
A. पाली
B. अजमेर
C. कोटा
D. बाड़मेर
उत्तर. A

17. चमड़ा रंगने के पदार्थों की लगातार उपलब्धि हेतु राजस्थान में जिस वन क्षेत्र को विकसित किया जाना अपेक्षित है, वह है
A. उपोष्ण सदाबहार वन क्षेत्र
B. शुष्क सागवान वन क्षेत्र
C. ऊष्ण कंटीले वन क्षेत्र ।
D. सालर वन क्षेत्र
उत्तर. C

18. राजस्थान राज्य के वनों से प्राप्त उपजों में से जिसका उपयोग ग्रामोफ़ोन रिकार्ड पॉलिश आदि में होता है, वह है
A. लाख
B. तेंदू
C. मोम
D. गोंद
उत्तर. A

20. मरस्थली प्रदेश में रतीले टीबों के स्थिरीकरण में किस वृक्ष प्रजाति का रोपण सर्वाधिक हुआ है
A. शीशम
B. रोहिड़ा
C. कूमटा
D. बबूल
उत्तर. C

21. राजस्थान राज्य में वन रोपण अनुसंधान केन्द्र कहाँ स्थित है
A. जयपुर
B. उदयपुर
C. सिरोही
D. जोधपुर
उत्तर. D

22. राजस्थान राज्य में सघन वन विद्यमान है
A. पूर्वी क्षेत्र में
B. दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र में
C. दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में
D. उत्तरी क्षेत्र में
उत्तर. C

23. निम्न में से कौन सा पुरस्कार वानिकी क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया
A. कैलाश सांखला स्मृति पुरस्कार
B. वृक्ष मित्र पुरस्कार
C. अमृता देवी स्मृति पुरस्कार
D. वानिकी लेखन पुरस्कार
उत्तर. C

24. थार मरु भूमि कल्प वृक्ष के रूप में किस पेड़ को जाना जाता है
A. खेजड़ी
B. रोहिड़ा
C. बबूल
D. हिंगोटा
उत्तर. A

25. राजस्थान राज्य में वनों का सबसे अधिक क्षेत्र किस जिले में है
A. चित्तौड़गढ़
B. उदयपुर
C. सिरोही
D. सवाई माधोपुर
उत्तर. B

26. निम्न प्रकार की वनस्पतियों में से कौन सी राजस्थान में प्राप्य नहीं है
A. उष्ण कटिबन्धीय शुष्क
B. उष्ण कटिबन्धीय कंटीली
C. उष्ण कटिबन्धीय तर पतझड़ी
D. उष्ण कटिबन्धीय मरुस्थलीय
उत्तर. B

27. राजस्थान राज्य के किस जिले में सर्वाधिक वन पाये जाते हैं
A. डूंगरपुर
B. बांसवाड़ा
C सिरोही
D. उदयपुर
उत्तर. D

28. थार मरुस्थल में मिलने वाली उपयोगी घास है
A. सेवण
B. शमी
C. दूब
D. चुरेल
उत्तर. A

29. वन नियमों के अंतर्गत पशुओं को चराने तथा लकड़ी काटने की सुविधा किस प्रकार के वनों में दी जाती है
A. सुरक्षित वन
B. संरक्षित वन
C. अवर्गीकृत वन
D. राजकीय वन
उत्तर. B

30. निम्न में से कौन सा अभ्यारण्य चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है
A. सीता माता अभयारण्य
B. ताल छापर अभयारण्य
C. माउन्ट आबू अभायरण्य
D. भैसरोड़गढ़ अभ्यारण्य
उत्तर. D

31. राजस्थान राज्य के कुल वन क्षेत्र के कितने प्रतिशत भाग पर संरक्षित वन पाये जाते हैं
A. 37.25%
B. 10.14%
C. 32.6%
D. 55.26%
उत्तर. D

32. सागवान के वृक्ष राजस्थान राज्य के किस जिले में सर्वाधिक पाये जाते हैं
A. बांसवाड़ा
B. उदयपुर
C. सिरोही
D. कोटा
उत्तर. A

33. जिस वन की लकड़ी से पैकिंग के डिब्बे बनाये जाते हैं, उसका नाम है
A. शुष्क सागवान वन
B. सालर वन
C. ऊष्ण पतझड़ी वन
D. मिश्रित पतझड़ी वन
उत्तर. B

34. भारत सरकार ने सर्वप्रथम जोधपुर में डेजर्ट एफोरेस्टेशन रिसर्च स्टेशन मरूस्थल वनारोपण शोध केन्द्र की स्थापना कब की थी
A. अक्टूबर, 1949
B. अक्टूबर, 1950
C. अक्टूबर, 1952
D. अक्टूबर, 1951
उत्तर. C

35. तेन्दू पत्ता बीड़ी बनाने में प्रयुक्त होता है। यह वृक्ष मुख्यत: राजस्थान राज्य के किस जिले में होता है
A. उदयपुर
B. झालावाड़
C. बांसवाड़ा
D. उपर्युक्त सभी
उत्तर. D

36. अरावली पर्वत माला की तलहटी व घाटियों में निम्नलिखित में से कौन-से या अधिक जाते हैं
A. ढाक
B. धोंकड़ा
C. सालर
D. यकृत
उत्तर. A

37. राजस्थान राज्य में सर्वाधिक क्षेत्र पर निम्न  में से किन वनों का विस्तार है
A. बबूल के वन
B. सागवान के वन
C. धोंकड़ा के वन
D. बांस के वन
उत्तर. C

38. निम्न में से किस वृक्ष को राजस्थान का गौरव नाम से जाना जाता है
A. खेजड़ी
B. रोहिड़ा
C. बबूल
D. कूमटा
उत्तर. A

39. धार्मिक स्थलों से जुड़ा पारंपरिक आखेट एवं वन कटाई निषिद्ध क्षेत्र कहलाता है
A. वन विहार
B. औरण
C. वालरा
D. चिमाता
उत्तर. B

40. प्रदेश में सड़कों के किनारे वृक्षारोपण में किस वृक्ष प्रजाति का सर्वाधिक रोपण किया गया है
A. शीशम
B. रोहिड़ा
C. खेजड़ी
D. इजराइली बबूल
उत्तर. C

41. राजस्थान के वनों का व्यापारिक महत्व कम होने का मुख्य कारण है- …
A. वृक्ष काफी ऊँचाई पर मिलते हैं
B. एक ही प्रकार के वृक्ष समूह में नहीं मिलते हैं
C. वनों का पूरा वर्गीकरण नहीं हुआ है
D. वनों की पूरी देखभाल नहीं होती है
उत्तर. B

42. रेगिस्तान वनरोपण एवं भू-संरक्षण केन्द्र कहाँ स्थित है
A. बाड़मेर
B. जैसलमेर
C. जोधपुर
D. कोटा
उत्तर. C

43. वराहमिहिर के अनुसार जब कैर एवं शमी के वृक्षों पर फूलों में असामान्य वृद्धि होती है, तो उस वर्ष क्या होता है
A. अतिवृद्धि
B. दुर्भिक्ष
C. टिड्डी दल का आक्रमण
D. अत्यधिक वर्षा
उत्तर. B

44. विश्नोई जाति के लोग जिस वृक्ष की पूजा करते हैं उसे दूसरे किस नाम से जाना जाता है
A. शमी
B. रोहिडा
C. सेवण
D. चुरेल
उत्तर. A

45. भारत में सागवान के उत्पादन का निरंतर इस हो रहा है। राजस्थान में सागवान के वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त जिले हैं
A. गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर
B. कोटा, बूंदी, झालावाड़
C. अजमेर, जयपुर, भरतपुर
D. बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर
उत्तर. D

46. राजस्थान राज्य में सबसे अधिक  संरक्षित वन भूमि  वाले जिले कौन-से हैं
A. सवाई माधोपुर-अलवर
B. उदयपुर-बारां
C. बारां-सवाई माधोपुर
D. चित्तौड़गढ़-बारां
उत्तर. C

47. राजस्थान राज्य में अर्जुन वृक्ष लगाने का उद्देश्य है
A. इमारती लकड़ी का उत्पादन बढ़ाना
B. टस्सर रेशम तैयार
C. कागज निर्माण करना
D. ईंधन की उपलब्धता बढ़ाना
उत्तर. B

48. कौन-सी पंच वर्षीय योजना में सामाजिक वानिकी कार्यक्रम को वन विकास का मुख्य अंग बनाया गया
A. छठी
B. पांचवीं
C. चौथी
D. सातवीं
उत्तर. A

49. राजस्थान राज्य में प्रति व्यक्ति कितने हेक्टेयर वन क्षेत्र है
A. 9.32
B. 0.072
C. 8.16
D. 0.810
उत्तर. B

50. राजस्थान राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र फल में वन क्षेत्र का प्रतिशत है
A. 9.32%
B. 25.40%
C. 8.63%
D. 26%
उत्तर. A

51. सेन्ट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट कहाँ स्थित है
A. अजमेर
B. जयपुर
C. उदयपुर
D. जोधपुर
उत्तर. D

52. काली और नम मिट्टी वाले क्षेत्र में पाये जाते हैं
A. ऊष्ण कंटीले वन
B. सालर वन
C. ढाक या प्लास के वन
D. शुष्क सागवान वन
उत्तर. B

53. राजस्थान राज्य के भौगोलिक क्षेत्र फल में वन क्षेत्र का न्यूनतम प्रतिशत किस जिले में है
A. अलवर
B. बांसवाड़ा
C. कोटा
D. चूरू
उत्तर. D

54. राजस्थान राज्य के कुल वन क्षेत्र के कितने प्रतिशत भाग पर अवर्गीकृत वन पाये जाते हैं
A. 8.69%
B. 37.25%
C. 32.6%
D. 52.60%
उत्तर. A

55. अरावली विकास परियोजना का मुख्य उद्देश्य है
A. मिट्टी अवक्रमण को नियन्त्रित करना
B. थार मरुस्थल के प्रसार को रोकना
C. वनों को नष्ट होने से रोकना
D. पारिस्थितिकी स्थिरता को बनाए रखना
उत्तर. D

राजस्थान में वन मंडल कितने हैं 2022?

राजस्थान में 13 वन मण्डल है। जोधपुर – क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा वन मण्डल है। उदयपुर सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला वन मण्डल है।

राजस्थान के कितने भाग पर वन है?

राज्य में 32649 वर्ग किमी क्षेत्र यानी लगभग 9.54 प्रतिशत भू-भाग पर वन हैं। अत्यधिक सघन वन क्षेत्र 72 वर्ग किमी का है। जिसका कुल प्रतिशत 0.02 है। सघन वन क्षेत्र 4448 वर्ग किमी का है, जिसका कुल प्रतिशत 1.30 प्रतिशत है।

राजस्थान में सर्वाधिक कौन से प्रकार के वन पाए जाते हैं?

यहाँ पर देसी सागवान व अन्य चौड़ी पत्ती वाले वन पाए जाते हैं । इनका विस्तार मुख्यतः बाँसवाड़ा ,डूँगरपुर, कोटा बाराँ व झालावाड़ जिले में है । यहाँ पर बरगद, आम ,तेंदू ,साल सालर, गूलर, महुआ ,सरस ,खैर आदि के वृक्ष भी पाए जाते हैं । सागवान मुख्यत: डूँगरपुर एवं बाँसवाड़ा क्षेत्र में पाए जाते हैं ।

राजस्थान वन नीति कब लागू हुआ?

सही उत्तर फरवरी 2010 है। राजस्थान सरकार ने फरवरी 2010 में पहली राज्य वन नीति के साथ पशुधन विकास और जल पर नई नीतियों को मंजूरी दी। यह रेगिस्तान राज्य में वन क्षेत्र को 9.5% से 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। राजस्थान के कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल 9.56% क्षेत्र पर वन है।

राजस्थान में सबसे बड़ा जंगल कौन सा है?

राजस्थान में, उदयपुर में कुल मिलाकर 2753.39 वर्ग किलोमीटर का अधिकतम वन क्षेत्र है।

राजस्थान में सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला जिला कौन सा है?

यह वन क्षेत्र राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 9.57% और भारत के वन क्षेत्र का लगभग 4.28% है। राजस्थान में उदयपुर जिले में वनों के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र है।

राजस्थान वन नीति कब लागू हुआ?

राजस्थान सरकार ने फरवरी 2010 में पहली राज्य वन नीति के साथ पशुधन विकास और जल पर नई नीतियों को मंजूरी दी। यह रेगिस्तान राज्य में वन क्षेत्र को 9.5% से 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। राजस्थान के कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल 9.56% क्षेत्र पर वन है।

राजस्थान में सदाबहार वन कहाँ पाए जाते हैं?

राजस्थान में सदाबहार वन क्षेत्र माउंट आबू के पर्वतीय क्षेत्र में पाये जाते हैं। माउंट आबू के पर्वतीय क्षेत्र में की जलवायु एकदम तर और आर्द्र है इस कारण वहां सदाबहार वन काफी संख्या में पाए जाते हैं, क्योंकि इस तरह की जलवायु हरे-भरे वनों के लिये उपयुक्त है।

आज अपने क्या सीखा?

मैं आपसे उम्मीद करती हूँ की आपने राजस्थान के वन की इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ लिया होगा. आपके राराजस्थान के वन से सम्बन्धित सारे डाउट भी क्लियर हो गए होंगे.

हमने इस पोस्ट को बनाने मैं बहुत मेहनत की हैं , अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो आप इसको सभी लोगों तक पहुँचाने मैं हमारी मदद कर सकते हैं जो भी गवर्नमेंट एग्जाम क्लियर करना चाहते हैं , आप सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर कर सकते हैं।
धन्यवाद

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