राजस्थान में सिंचाई के साधन ,राजस्थान के तालाब, [PDF] राजस्थान में सिंचाई के साधन etc.
राजस्थान में सिंचाई सुविधाओं का पूरी तरह विस्तार हो रहा है। विभिन्न राज्यों की तर्ज पर यहां भी खेतों में फसलें लहलहा रही हैं। नहरों और चेकडैमों से पानी खेतों तक पहुंच रहा है। राज्य में अब 90 फीसदी से अधिक भूमि सिंचित हो गई है।
पूर्वी भाग – नलकूपों व कुओं द्वारा 74प्रति. या 3/4 भाग (जयपुर)
उतरी भाग – नहरों द्वारा 24प्रति. या 1/4 भाग(गंगानगर, हनुमानगढ़)
दक्षिणी भाग – तलाब व झरनों द्वारा भीलवाड़ा व बांसवाड़ा
कुएं व नलकूप
- राजस्थान में सिंचाई के लिए कुओं व नलकूपों का उपयोग सर्वाधिक किया जाता है
- राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 70 % भाग कुओं व नलकूपों द्वारा सिंचित होता है |
- राज्य में सरकारी खर्चे पर एक लाख 25 हजार 428 कुओं का उर्जीकरण कराया गया।
- उर्जीकृत किए गए कुओं में 3149 कृषि कुएं जनजातीय इलाके के थे।
नहरें
- राजस्थान में नहरें सिंचाई का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण साधन है
- राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 26 % भाग नहरों द्वारा सिंचित है|
- इंदिरा गांधी नहर की शुरुआत 31 मार्च, 1958 में हुई। इसे दो नवंबर, 1984 से राजस्थान नहर के नाम से भी जाना जाता है।
- इंदिरा गांधी नहर परियोजना से 12 लिफ्ट सिंचाई योजनाएं निर्मित की गईं।
- हनुमानगढ़ जिले में रबी खाद्यान्न में शीर्ष पर पहुंचा तो गंगानगर तिलहन के मामले में नंबर वन रहा। इस परियोजना के जरिए जहां कभी रेत के धोरे होते थे वहां नहर बन गई और 1741 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित भूमि में तब्दील हो गया।
- नर्मदा नहर परियोजना से सिंचाई के अलावा करीब 124 गांवों को पीने का पानी भी मुहैया कराया जाता है।
राजस्थान की प्रमुख नहरें
1. गंग नहर
- गंग नहर का निर्माण 1927 में महाराजा श्री गंगा सिंह द्वारा करवाया गया
- इसकी कुल लम्बाई 137 किमी है
- इस नहर के द्वारा श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में सिंचाई होती है |
2. भरतपुर नहर
- यह नहर यमुना से निकालने वाली आगरा नहर से निकली गयी है,
- भरतपुर नहर निर्माण 1906 में किया गया
- इसकी कुल लम्बाई 28 किमी है
- इस नहर के द्वारा भरतपुर जिले में सिंचाई की जाती है|
3. गुडगाँव नहर
- यह नहर यमुना नदी से निकलती है
- इसकी कुल लम्बाई 58 किमी है
- इससे भरतपुर जिले के कुछ हिस्सों में सिंचाई की जाती है|
तालाब
राजस्थान में राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 3% भाग तालाबों द्वारा सिंचित होता है|
राजस्थान के तालाब:
तालाब | स्थान |
हेमावास | पाली |
दांतीवाड़ा | पाली |
खरड़ा | पाली |
मुथाना | पाली |
सरेरी | भीलवाड़ा |
खारी | भीलवाड़ा |
मेजा | भीलवाड़ा |
वानकिया | चित्तोड़गढ़ |
मुरलिया | चित्तोड़गढ़ |
सेनापानी | चित्तोड़गढ़ |
बागोलिया | उदयपुर |
कीर्तिमोरी | बूंदी |
वरडा | बूंदी |
हिंडोली | बूंदी |
पार्वती | भरतपुर |
बारेठा | भरतपुर |
गड़ीसर | जैसलमेर |
एडवर्ड सागर | डूँगरपुर |
[PDF] राजस्थान में सिंचाई के साधन
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सिंचाई एवं पेयजल राजस्थान के संदर्भ में/drinking and irrigational water status Rajasthan.
वैसे तो राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है तथा देश की कुल भौगोलिक क्षेत्र में राजस्थान का हिस्सा 10.4% है लेकिन सतही जल उपलब्धता के आधार पर संपूर्ण देश का केवल 1.16% है।
इसके अतिरिक्त दोहन योग्य भूजल केवल 1.72% है।
पिछले 61 वर्षों में राज्य में 43 बार अकाल पड़ा है।
राज्य में प्रति व्यक्ति जल की वार्षिक उपलब्धता 780 घन मीटर है।
देश का 51 प्रतिशत फ्लोराइड तथा 42 प्रतिशत लवणता वाला क्षेत्र राजस्थान में है।
सतही जल संसाधन-
इसकी अंतर्गत नदियां, झीलें तथा तालाब आते हैं।
सतही जल संसाधनों में राजस्थान पिछड़ा राज्य है तथा इस हेतु से यह अन्य राज्यों पर निर्भर है। विभिन्न नदी परियोजनाओं से निकली नहरों के माध्यम से राजस्थान को सतही जल उपलब्ध होता है।
इसके अतिरिक्त राजस्थान में उपस्थित नदियों, तालाबों तथा झीलों से भी इसकी प्राप्ति होती है।
राजस्थान में लगभग 450 बड़े तालाब हैं।
भूजल संसाधन-
कुंए तथा नलकूप भू जल के प्रमुख स्रोत है तथा राजस्थान में सिंचाई व पेयजल के प्रमुख साधन है।
राजस्थान में सिंचाई-
राजस्थान में सिंचाई के निम्नलिखित 3 साधन पाए जाते हैं-
कुंए तथा नलकूप–
इससे राज्य का कृषि योग्य सिंचाई का कुल 66 प्रतिशत हिस्सा सींचा जाता है।
इस साधन से सर्वाधिक सिंचाई जयपुर तथा अलवर जिले में की जाती है।
पश्चिमी राजस्थान में जल स्तर नीचा होने की वजह से कुओं से सिंचाई नहीं की जाती है, लेकिन जैसलमेर के चांधन गांव में स्थित नलकूप से मीठा पानी प्राप्त किया जा रहा है।
इसे मरु प्रदेश का घड़ा भी कहा जाता है। यहां लाठी सीरीज में 312 मीटर की गहराई पर मीठा पानी प्राप्त हो रहा है।
नहरें-
राज्य के 33% भाग में नहरों द्वारा सिंचाई की जाती है। इसमें श्रीगंगानगर प्रथम स्थान पर है।
नहरों में सर्वाधिक क्षेत्र इंदिरा गांधी नहर द्वारा सिंचित किया गया है
तालाब-
राजस्थान में तालाब द्वारा सर्वाधिक सिंचाई दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में की जाती है।
राज्य की 0.7% सिंचाई तालाबों के द्वारा की जाती है।
भीलवाड़ा प्रथम तथा उदयपुर दूसरे स्थान पर है। भीलवाड़ा में कुल सिंचित क्षेत्र का 22% तालाबों से होता है।
गंगानगर तथा हनुमानगढ़ ऐसे जिले जहां सर्वाधिक सिंचाई की जाती है जबकि राजसमंद में न्यूनतम सिंचाई की जाती है।
कुल सिंचित क्षेत्रफल की दृष्टि से चुरु जिला सबसे अंतिम स्थान पर है।
जैसलमेर में खड़ीन सिंचाई के साधन है। यहां 600 से ज्यादा खड़ीन है। इसमें खेतों के चारों दीवार बनाकर पानी रोक दिया जाता है जिससे नमी बनी रहती हैं। इनका निर्माण पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा किया गया है।
राजस्थान में सबसे कम सिंचाई वाला जिला कौन सा है?
राजस्थान में सिंचाई की स्थिति:
राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई क्रमशः गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में तथा न्यूनतम राजसमंद जिले में होती है।
सिंचित क्षेत्र के प्रतिशत के आधार पर चुरू जिले में सबसे कम सिंचित क्षेत्रफल है।
राजस्थान में कुल सिंचित क्षेत्र कितना है?
राजस्थान का कृषि सिंचित क्षेत्रफल 61.35 लाख हेक्टेयर है जो राज्य के कुल सघन कृषि क्षेत्र का 31.90 प्रतिशत हैं। सकल बोये गये क्षेत्र का सिंचित क्षेत्र – 35 प्रतिशत हैं।
राजस्थान की कौनसी सिंचाई परियोजना सबसे पुरानी है?
गंगनहर परियोजना:-
राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजना। यह विश्व की सबसे विकसीत व पुरानी नहर परियोजना हैं। उदगम:- हुसैनीवाला फिरोजपुर से। आधारशिला:- महाराजा गंगासिंह द्वारा 5 सितम्बर 1921 को फिरोजपुर हेड वक्र्स पर।
राजस्थान की पहली नहर कौन सी है?
बीकानेर व गंगानगर मे पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने 1927 में एक नहर निर्माण का कार्य शुरू करवाया था जिसे गंग-नहर नाम दिया गया जो कि आज भी गंगानगर में मौजूद है ।।
राजस्थान का नहर मंत्री कौन है?
टीकाराम जूली एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान सरकार की अशोक गहलोत मंत्रालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग केबिनेट मंत्री है वे पूर्व में श्रम विभाग (स्वतंत्र प्रभार), कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता, इंदिरा गांधी नहर परियोजना राज्यमंत्री रहे हैं।
राजस्थान के कौन से दो तालाब सिंचाई की दृष्टि से उपयोगी है?
राज्य की 0.7% सिंचाई तालाबों के द्वारा की जाती है। भीलवाड़ा प्रथम तथा उदयपुर दूसरे स्थान पर है। भीलवाड़ा में कुल सिंचित क्षेत्र का 22% तालाबों से होता है। गंगानगर तथा हनुमानगढ़ ऐसे जिले जहां सर्वाधिक सिंचाई की जाती है जबकि राजसमंद में न्यूनतम सिंचाई की जाती है।
राजस्थान में कितनी परियोजना है?
27 जिलों में 137 सिंचाई परियोजनाओं के पुनर्वास और नवीनीकरण के लिए राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना को जापान इन्टरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जाइका) से ऋण सहायता प्राप्त करने के लिए मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के तहत कुल सिंचित क्षेत्र 4.70 लाख हैक्टेयर को जल दक्षता में वृद्धि से लाभ होगा।
कौन सा राज्य नहर सिंचाई पर सर्वाधिक आश्रित है?
सही उत्तर उत्तर प्रदेश है। नहरों द्वारा देश के कुल सिंचित क्षेत्र का अधिकतम भाग उत्तर प्रदेश में है। अन्य प्रमुख राज्य जहां नहरों द्वारा सिंचाई की जाती है, वे मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार हैं। उत्तर प्रदेश नहर सिंचाई के साथ-साथ ट्यूबवेल सिंचाई में भी अग्रणी है।
आज अपने क्या सीखा?
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धन्यवाद