ज्येष्ठ मास के मेले और त्यौहार

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ज्येष्ठ मास 2021 – जानें ज्येष्ठ मास के व्रत व त्याहारों की सही तिथि -  Astroyogi.com
ज्येष्ठ मास के मेले और त्यौहार

इस पोस्ट में ज्येष्ठ मास के मेले और त्यौहार को विस्तार से पढेंगे |

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ वर्ष का तीसरा महीना होता है।अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह मई-जून महीने में आता है।

ज्येष्ठ माह में आने वाले त्यौहार

कृष्ण पक्षशुक्ल पक्ष
प्रतिपदा – नारद जयंतीदशमी – गंगा दशहरा
इस दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था।
एकादशी – अपरा एकादशीएकादशी – निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। इस व्रत मे पानी का पीना वर्जित है इसिलिये इस निर्जला एकादशी कहते है।
अमावस्या – वट सावित्री व्रत
इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु व सौभाग्य में वृद्धि की कामना से वट या बरगद के पेड़ की पूजा करती है। यह व्रत सत्यवान सावित्री की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है।यह पतिव्रत के संस्कारों को आत्मसात करने वाला व्रत है।
पूर्णिमा – वट पूर्णिमा
अमावस्या – शनि जयंती
ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन सूर्य पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था, इसलिए प्रतिवर्ष इस दिन शनि जंयती मनाई जाती है।
ज्येष्ठ माह में आने वाले त्यौहार

राजस्थान में ज्येष्ठ मास में आने वाले मेले

मेलास्थानतिथि
सीता माता मेलासीता माता, प्रतापगढ़ज्येष्ठ अमावस्या
सीता बाड़ी का मेलाकेलवाड़ा, बारांज्येष्ठ अमावस्या
गंगा दशमी मेलाकामां, भरतपुरज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी से बारस तक
ज्येष्ठ मास में आने वाले मेले
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