
नमस्कार दोस्तों आज हम राजस्थान के वन्यजीव अभ्यारण्य के बारे में पढेंगे
राजस्थान में 1951 में वन्य जीव एवं संरक्षण अधिनियम इस दिशा में पहला प्रभावशाली कदम था । सन् 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण एक्ट तथा 1986 में पर्यावरण संरक्षण एक्ट द्वारा वन्यजीवों की रक्षा हेतु कानून बनाए गए हैं ।
राजस्थान में वर्तमान में 4 बाघ परियोजनाएँ, 3 राष्ट्रीय उद्यान ,26 वन्यजीव अभयारण्य व 33 आखेट निषिद्ध क्षेत्र , 7 मृग वन, 5 जंतुआलय और 16 कंजर्वेशन रिजर्व हैं ।
राजस्थान की 4 बाघ परियोजनाएँ –
1. रणथम्भौर अभयारण्य (सवाई माधोपुर )
2.सरिस्का अभयारण्य (अलवर )
3. मुकुन्दरा हिल्स (कोटा)
4.रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य (बूँदी )
राजस्थान के राष्ट्रीय पार्क (उद्यान ) – Rajasthan ke National Park
1. रणथम्भौर राष्ट्रीय पार्क (सवाई माधोपुर )
- यह राज्य का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है ।
- इसको “लैंड ऑफ टाइगर” (Land of Tiger) भी कहा जाता है ।
- इस अभयारण्य को राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है
- यह उद्यान 392 वर्ग किमी में फैला हुआ है ।
- रणथम्भौर अभयारण्य को 1955 में अभयारण्य का दर्जा मिला तथा 1 नवंबर 1980 को राजस्थान के प्रथम राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला ।
- यह भारत की सबसे छोटी बाघ परियोजना है तथा भारतीय बाघों का घर कहलाता है ।
- सन् 1974 में विश्व वन्यजीव कोष द्वारा चलाए गए “प्रोजेक्ट टाइगर” योजना में सम्मिलित किया गया ।
- इस अभयारण्य में धोंक वन पाए जाते हैं ।
- इस अभयारण्य में गणेश जी का त्रिनेत्र मंदिर स्थित है ।
- यहाँ रेंटेड तीतर व दुर्लभ काला गरूड़ पाये जाते हैं।
- इस अभयारण्य में जोगी महल स्थित है । यहाँ क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय खोला गया है ।
- 2005 में भारत के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने इस राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा की थी ।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
- यह भरतपुर में है। इसे घाना पक्षी बिहार भी कहते हैं इसे पक्षियों का स्वर्ग कहते हैं।
- यह एशिया की सबसे बड़ी पक्षी प्रजनन स्थली है।इसे सन् 1956 में अभयारण्य घोषित किया गया था।
- 1981 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया 1985 में इसे युनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर सूचि में डाला।
- साथ ही इसे रामसर कन्वेशन के तहत रामसर कन्वेंसन वैटलैंड में भी शामिल किया जा चुका है।
- पानी अजान बांध से प्राप्त होता है। यहां पक्षियों की अनेक प्रजातियां मिलती है। जिसमें से कुछ प्रवासी भी है।
- प्रवासियों पक्षियों में सबसे प्रमुख साइबेरियन क्रेन(सारस) है। जो यूरोप के साइबेरिया प्रान्त से शीतकाल में यहां आता है। और गीष्म काल में प्रजनन के बाद लौट जाता है।
- यहां सुर्खाव, अजगर, लाल गरदन वाले तोते आदि मिलते हैं। यहां के पाईथन प्वांइट पर अजगर देखे जा सकते है। झील में जलमानुष (उदबिलाव) भी निवास करते हैं।
- यह रा. उ. प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक सलीम अली की कर्मस्थली रहा है। रा. उ. गंभीरी और बाणगंगा के संगम पर है।
- साथ ही यह भारत के प्रमुख पर्यटक परिपथ सुनहरा त्रिकोण (दिल्ली-आगरा-जयपुर) पर अवस्थित है।
बोमा तकनीक
राजस्थान के भरतपुर ज़िले के ‘केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान’ में अफ्रीका की ‘बोमा तकनीक’ का प्रयोग किया गया। इसका प्रयोग चीतल या चित्तीदार हिरणों को पकड़ने और उन्हें मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व में पहुँचाने के लिये किया गया था, ताकि शिकार के आधार में सुधार किया जा सके। चीतल की IUCN रेड लिस्ट स्थिति ‘कम चिंतनीय’ (Least Concern) है। बोमा कैप्चरिंग तकनीक अफ्रीका में काफी लोकप्रिय है। इसमें फनल जैसी बाड़ के माध्यम से जानवरों का पीछा करके उन्हें एक बाड़े में में पहुँचाया जाता है। यह फनल एक पशु चयन-सह-लोडिंग संरचना का रूप ले लेता है और इसे जानवरों के लिये अपारदर्शी बनाने के लिये घास की चटाई और हरे रंग के जाल से ढका जाता है, इसमें जानवरों को दूसरे स्थान पर उनके परिवहन के लिये एक बड़े वाहन में रखा जाता है। इस पुरानी तकनीक का उपयोग पहले जंगली हाथियों को पकड़ने हेतु प्रशिक्षण और सेवा के लिये किया जाता था। इस स्थानांतरण अभ्यास को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा अनुमोदित किया गया है। शाकाहारी जीवों के स्थानांतरण से बाघ अभयारण्यों के आसपास ग्रामीण मवेशियों, भेड़ों और बकरियों का शिकार कम होगा।
मुकुन्दरा हिल्स अभ्यारण्य
- यह अभयारण्य कोटा, चितौड़गढ़ ,बूंदी व झालावाड़ में है।
- पहले इसका नाम दर्रा था। बाद में 2003 में दर्रा एवं चम्बल घड़ियाल (जवाहर सागर) अभयारण्य को मिलाकर राजीव गांधी नेशलन पार्क बनाने की घोषण की गई।
- 2006 में इसका नाम बदलकर दर्रा राष्ट्रीय अभयारण्य रखा गया, जिसे हाड़ौती के प्रकृति प्रेमी शासक मुकंदसिंह के नाम पर मुकंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान रखने का निर्णय लिया गया।
- इसी अभ्यारण्य में मुकुन्दवाड़ा की पहाड़ीया स्थित है। मुकुंदरा हिल्स में आदिमानव के शैलाश्रय एवं उनके द्वारा चित्रांकित शैल चित्र मिलते हैं। 1955 में इसकी स्थापना हुई। 9 जनवरी 2012 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
- मुकुन्दरा हिल्स को 9 अप्रेल 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह अभयारण्य घडीयाल,सारस, गागरोनी(हीरामन) तोते के लिए प्रसिद्ध है।
- यहां जीव जन्तुओं को देखने के लिए अवलोकन स्तम्भ बने हुए हैं। जिसे औदिया कहते है। राज्या में सर्वाधिक जीव इसी अभ्यारण्य में है।
नोट – गागरोन दुर्ग, अबली मीणी महल, रावठा महल, गुप्त कालीन मंदिर(भीम चौरी) के खण्डर इसी अभयारण्य में है।
नोट – डा. हरि मोहन सक्सेना की राजस्थान का भूगोल (राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी) के अनुसार राजस्थान में पांच राष्ट्रीय उद्यान – रणथम्भौर, केवलादेव, सरिस्का, राष्ट्रीय मरू उद्यान एवं मुकन्दरा हैं।
वन्य जीव अभ्यारण्य – 26

1. सारिस्का वन्य जीव अभ्यारण्य
यह अभयारण्य अलवर जिले में स्थित है। 1900 में इसकी स्थापना की गई। 1955 में इसे वन्य जीव अभ्यारण्य का दर्जा दिया गया। 1978-79 में यहां टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट शुरू किया गया। यह राजस्थान का दुसरा टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट है। यह अभयारण्य हरे कबूतरों के लिए प्रसिद्ध है।
इस अभ्यारण्य में क्रासका व कांकनबाड़ी पठार, भृतहरि, नीलकठ महादेव मन्दिर, पाण्डुपोल, तालवृक्ष, नेडा की छतरियां, नारायणी माता मन्दिर सरिस्का पैलेस होटल, RTDC का टाइगर डेन होटल स्थित है।
2. सरिस्का अ, अलवर – सबसे छोटा अभयारण्य।
3. राष्ट्रीय मरू उद्यान
यह जैसलमेर और बाड़मेर में स्थित है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा अभ्यारण्य है। इसकी स्थापना वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अर्न्तगत सन् 1980-81 में की गई। इस अभयारण्य में करोड़ों वर्ष पुराने काष्ठ काष्ठावशेष, डायनोसोर के अण्डे के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इन अवशेष को सुरक्षित रखने के लिए अभयारण्य के भीतर अकाल गांव में ‘फॉसिल्स पार्क’ स्थापित किया गया हैं । यह अभयारण्य आकल वुड फॉसिल्स पार्क के कारण प्रसिद्ध हैं। गोडावन, चिंगारा, काले हिरण, लोमड़ी, एण्डरसन्स टाॅड, गोह, मरू बिल्ली पीवणा, कोबरा, रसलवाईपर आदि इसमें मिलते हैं।
4.सीतामाता अभ्यारण्य
यह चितौड़गढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर में स्थित है। 1971 में इसकी स्थापना हुई। यह अभयारण्य उड़न गिलहरी लिए प्रसिद्ध है। इस अभयारण्य में स्थित लव-कुश जलस्त्रोंतों से अनंत काल से ठण्डी व गर्म जल धाराएं प्रवाहीत हो रही हैं। जाखम बांध इसी अभ्यारण्य में स्थित है।
5. कुम्भलगढ़- अभयारण्य
यह उदयपुर, पाली, राजसमंद जिले में है। 1971 में इसकी स्थापना की गई। यह अभयारण्य भेडीये के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। यहां भेडि़या, रीछ, मुर्गे, चैसिंगा(घटेल) मिलते हैं। इस अभ्यारण्य में चंदन के वृक्ष भी मिलते हैं। रणकपुर के जैन मन्दिर इसी अभयारण्य है।
6. चंबल घड़ीयाल-अभयारण्य
यह अभयारण्य चंबल नदी में बनाया गया है जो राणाप्रताप सागर से यमुना नदी तक विस्तृत(कोटा, बूंदी, स. माधोपुर, धौलपुर, करौली) है। यह एकमात्र अन्र्तराज्जीय(राज., म. प्रदेश, उ. प्रदेश) अभयारण्य है। चंबल देश की एकमात्र नदी सेन्चुरी है। इसे घड़ीयालों का संसार भी कहते हैं । चम्बल नदी में डाल्फिन मछली भी पाई जाती हैं। जिसे ‘गांगेय सूस’ कहते हें। भारत में मगरमच्छों की तीन प्रजातियाँ हैं अर्थात्:
- घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस): IUCN रेड लिस्ट- गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- मगर (Crocodylus Palustris): IUCN- सुभेद्य।
- खारे पानी का मगरमच्छ (Crocodylus Porosus): IUCN- कम चिंतनीय।
7.तालछापर अभ्यारण्य – चुरू
इस अभ्यारण्य में काले हिरणों को संरक्षण दिया है। तालछापर अभ्यारण्य को प्रवासी पक्षी “कुंरजा” की शरण स्थली कहा जाता है।
8. भैंसरोडगढ़, चितौडगढ
घड़ीयालों के लिए प्रसिद्ध
9. बस्सी, चितौड़गढ़
10. माऊण्ट आबू अभयारण्य – सिरोही
जंगली मुर्गे के लिए प्रसिद्ध, गुरूशिखर इसी अभयारण्य में है।
11. सवाई मानसिंह, सवाई माधोपुर
12. कैला दैवी
यह करौल में स्थित हैं। यहां देववन (ओरण) भी हैं।
13. फुलवारी की नाल, उदयपुर
सोम का उद्गम, टीक के वृक्ष का प्रथम Human Anatomy park.
14. टाडगगढ़ रावली
यह अजमेर,पाली व राजसमन्द में फैला हुआ हैं। यहां एक किला भी हैं, जिसे टाड़गढ़ का किला कहते हैं, जो अजमेर में हैं। इस किले का निर्माण कर्नल जेम्स टॉड ने करवाया था। यहां स्वंतत्रता आंदोलन के समय राजनैतिक कैदियों को कैद रखा जाता था। विजयसिंह पथिक उर्फ भूपसिंह को इसमें कैद रखा गया था।
15. रामगढ़ विषधारी, बूंदी
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को भारत के 52वें बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया। रणथम्भौर, सरिस्का और मुकुंदरा के बाद राजस्थान में यह चौथा बाघ अभयारण्य है। रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य में भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भालू, सुनहरा सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर देखे जा सकते हैं। मेज नदी निकलती है,यह बूंदी के शासकों का आखेट क्षेत्र था।
16. जमवा रामगढ़, जयपुर
17. बंधबरैठा अभयारण्य
यह भरतपुर में स्थित हैं। यह केवलादेव अभयारण्य का हिस्सा हैं। इसमें बया पक्षी सर्वांधिक पाया जाता हैं। बारैठा झील, परिन्दों का घर
18. जवाहर सागर
यह अभयारण्य कोटा,चितौड़गढ़,बूंदी में है। घड़ीयालों का प्रजनन केन्द्र, मगरमच्छ, गैपरनाथ मन्दिर, गडरिया महादेव, कोटा बांध इसी में है।
19. शेरगढ़ अभयारण्य
यह बांरा में स्थित हैं। परवन नदी गजरती है, शेरगढ़ दुर्ग, सांपों की संरक्षण स्थली, चिरौजी के वृक्ष मिलते है। यहां पर सर्प उद्यान भी हैं।
20. जयसमंद, उदयपुर
बघेरों के लिए प्रसिद्ध, इसे जलचरों की बस्ती कहते हैं। रूठी रानी का महल इसी में है।
21. नाहरगढ़, जयपुर
चिकारा के लिए प्रसिद्ध, राज्य का प्रथम देश का दुसरा जैविक उद्यान, राज्य का पहला देश का तिसरा बियर रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है।
22. रामसागर, धौलपुर
23. केसरबाग, धौलपुर
24. वनविहार, धौलपुर – सांभर, सारस
25. दर्रा वन्य जीव अभ्यारण्य -कोटा, झालावाड़
26. सज्जनगढ़, उदयपुर
आखेट निषेध क्षेत्र – 33
- बागदड़ा – उदयपुर
- बज्जु – बीकानेर
- रानीपुरा -टोंक
- देशनोक – बीकानेर
- दीयात्रा – बीकानेर
- जोड़ावीर – बीकानेर
- मुकाम – बीकानेर
- डेचुं – जोधपुर
- डोली – जोधपुर -काले हिरण के लिए
- गुढ़ा – बिश्नोई – जोधपुर
- जम्भेश्वर – जोधपुर
- लोहावट – जोधपुर
- साथीन – जोधपुर
- फिटकाशनी – जोधपुर
- बरदोद – अलवर
- जौड़ीया – अलवर
- धोरीमन्ना – बाड़मेर
- जरोंदा – नागौर
- रोतू – नागौर
- गंगवाना – अजमेर
- सौंखलिया- अजमेर – गोडावण
- तिलोरा – अजमेर
- सोरसन – बारां – गोडावण
- संवत्सर-कोटसर- चुरू
- सांचैर – जालौर
- रामदेवरा – जैसलमेर
- कंवाल जी – सा. माधोपुर
- मेनाल – चितौड़गढ़
- महलां – जयपुर
- कनक सागर – बूंदी – जलमुर्गो
- जवाई बांध – पाली
- संथाल सागर – जयपुर
- उज्जला – जैसलमेर
देश का पहला गोडावण ब्रीडिंग सेंटर
20 साल बाद फिर से देश में बारां के सोरसन(बारां) को राज्य पक्षी गोडावण से पहचान मिलेगी। देश का पहला गोडावण ब्रीडिंग सेंटर सोरसन वन क्षेत्र में बनेगा। साेरसन में आखिरी गोडावण 1999 में देखा गया था। गोडावण ब्रीडिंग सेंटर के 30 साल के प्रोजेक्ट पर करीब 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। साेरसन में अमलसरा व नियाणा गांव से करीब 3 से 4 किमी की दूरी पर घास के मैदानों में एनक्लोजर बनाया जाएगा।
मृगवन – 7
- अशोक विहार, जयपुर
- चितौड़गढ़ मृगवन, चितौड़गढ़
- पुष्कर मृगवन, पुष्कर
- संजय उद्यान – शाहपुरा (जयपुर)
- सज्जनगढ़, उदयपुर – राज्य का दुसरा जैविक उद्यान
- अमृता देवी, खेजड़ली – भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला
- माचिया सफारी पार्क, जोधपुर – यहां देश का पहला मरू वानस्पतिक उद्यान किया जा रहा है।
जैविक उद्यान – 2
- नाहरगढ़, जयपुर- प्रथम
- सज्जनगढ़, उदयपुर
जन्तुआलय – 5
- जयपुर(1876) – सबसे पुराना, रामनिवास बाग में स्थित रामसिंह द्वारा स्थापित, मगरमच्छ और बाघ प्रजनन केन्द्र
- उदयपुर(1878) – गुलाब बाग, बाघ, बघेरा, भालु
- बीकानेर(1922) – सार्वजनिक उद्यान, वर्तमान में बंद
- जोधपुर(1936) – उम्मेद बाग, पक्षियों के लिए प्रसिद्ध गोडावन का कृत्रिम प्रजनन केन्द्र कोटा(1954)
- कोटा – 1954 में स्थापित
कन्जर्वेशन रिजर्व – 16
क्र.स. | कंजर्वेशन रिजर्व | जिला | वर्ष |
---|---|---|---|
1. | बीसलपुर | टोंक | 2008 |
2. | जोहड़बीड-गढ़वाल | बीकानेर | 2008 |
3. | सुंधामाता | जालौर व सिरोही | 2008 |
4. | गुढ़ा विश्नोई | जोधपुर | 2011 |
5. | शाकम्भरी | सीकर व झुंझुनू | 2012 |
6. | गोगेलाव | नागौर | 2012 |
7. | बीड़ झुंझूनू | झुंझुनू | 2012 |
8. | रोटू | नागौर | 2012 |
9. | उम्मेद गंज पक्षी विहार | कोटा | 2012 |
10. | जवाई बांध लेपर्ड | पाली | 2013 |
11. | बसियांल-खेतड़ी | झुंझूनू | 2017 |
12. | बांसियाल-खेतड़ी | बागोर – झुंझूनू | 2018 |
13. | जवाई बांध लैपर्ड – II | पाली | 2018 |
14. | मनसा माता | झुंझुनु | 2019 |
15. | शाहबाद के जंगल | बारां | 2021 |
16. | रणखार | जालौर | 2022(सबसे नवीनतम) |
नोट : 25 अप्रैल, 2022 को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 36 के तहत जालौर के चितलवाना क्षेत्र के रणखार (7288.61 हेक्टेयर) को राज्य का 16वाँ कन्जर्वेशन रिजर्व घोषित करने की अधिसूचना जारी की गई है !
तथ्य
- राजस्थान में भालूओं का पहला संरक्षित क्षेत्र सुन्धामाता संरक्षित क्षेत्र है
- राजस्थान के जालौर और सिरोही जिलों में भालू अभ्यारण्य बनाया जाएगा। यह प्रदेश का पहला और देश का चौथा भालू अभ्यारण्य होगा । भालू अभ्यारण्य सिरोही जिले की माउंट आबू संरक्षित क्षेत्र के 326 वर्ग किलोमीटर और जालौर के संधु माता कंजरवेशन रिजर्व के 117.49 वर्ग किलोमीटर के जंगल को मिलाकर बनाया जाएगा।
- राजस्थान में प्रोजेक्ट टाइगर का आरंभ रणथम्भोर वन्यजीव क्षेत्र से किया गया था
तथ्य
- खींचन, जोधपुर का एक गांव है जहां शती काल में रूस व यूक्रेन से प्रवासी पक्षी कुरंजा आता है। कुरंजा एक विरह गीत भी है।
- राज्य सरकार इनके नाम से कैलाश सांखला वन्य जीव पुरसकार देती है।
- गजनेर(बीकारने), बटबड़ या रेज का तीतर (इंपीरियल सेन्डगाउज) के लिए प्रसिद्ध है।
- डोलीधावा जोधपुर का एक गांव है। जो काले मृगों के लिए संरक्षित है।
- उतर भारत का प्रथम सर्प उद्यान, कोटा।
- गोडावण – ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, सोहन चिडि़या, हुकना, गुधनमेर क्रायोटीस नाइगीसैप्स(विज्ञान) कहते है। यह जैसलमेर, सांखलिया(अजमेर), सोरसन(बारा) में मिलता है। 1981 में इसे राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया।
- राष्ट्रीय स्तर पर 94 राष्ट्रीय उद्यान, 501 अभयारण्य, 14 बायोस्फीयर रिजर्व है।
- भारत में सर्वप्रथम 1887 में वन्य पक्षी सुरक्षा अधिनियम बनाया गया।
- दश् में बाघों के लिए अप्रैल 1973 में बाघ परियोजना शुरू की गई।
- दशे में अब तक 28 बाघ अभयारण्य है। राजस्थान में दो(रणथम्भौर, सरिस्का), सर्वाधिक मध्यप्रदेश में है।
- हरे कबूतर सरिस्का, अजमेर, तिलोरा गांव पुष्कर, थावंला गांव नागौर में मिलते है।
- गेेडवेल – जीय बतख है जो रूस चन और यरोप से शीतकाल में अजमेर के आस-पास आती है।
- ताली अभ्यारण्य करौली और बीसलपुर अभ्यारण्य टोंक में स्थापित किये जा रहे है।
- सर्वाधिक वन्य जीव अभ्यारण्य उदयपुर में सर्वाधिक आखेट निषेध क्षेत्र, जोधपुर में है।
- राजस्थान बजट घोषणा 2013 के अन्तर्गत पक्षी अभ्यारण्य स्थापित किया जायेगा – “बड़ोपल पक्षी अभ्यारण्य ” – हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील के गांव बड़ोपल में। बड़ोपल गांव विदेशीपक्षियों की शरण स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
- किस जिले में सर्वाधिक वन्य जीव अभयारण्य है ? – उदयपुर
- किस जिले में सर्वाधिक आखेट निषिद्ध क्षेत्र है ? – जोधपुर
- राजस्थानका प्रथम राष्ट्रीय उद्यान – रणथंबौर राष्ट्रीय उद्यान (1 नवम्बर 1980)
- राजस्थानका दूसरा राष्ट्रीय उद्यान – केवलादेव घना (1981)
- विश्व धरोहर के रूप में घोषित अभयारण्य – केवलादेव घना पक्षी विहार (1985)
- राजस्थानका पहला बाघ परियोजना क्षेत्र/टाईगर प्रोजेक्ट – रणथंभौर (1974)
- राजस्थान का दूसरा बाघ परियोजना क्षेत्र/टाईगर प्रोजेक्ट – सरिस्का (1978)
- एशिया की सबसे बड़ी पक्षी प्रजनन स्थली – केवलादेव घना पक्षी विहार
- राजस्थान के 2 राष्ट्रीय उद्यान – रणथंभौर व केवलादेव घना
- राजस्थान के 2 बाघ परियोजना क्षेत्र/टाईगर प्रोजेक्ट – रणथंभौर व सरिस्का
- राज्यपक्षी गोडावन के संरक्षण हेतु प्रसिद्ध दो आखेट निषिद्ध क्षेत्र – सोरसन (बारां),सोंखलिया (अजमेर)
- सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र – संवत्सर-कोटसर (बीकानेर)
- सबसे छोटा आखेट निषिद्ध क्षेत्र -सैथलसागर (दौसा)
- साथीन व ढेंचू है – जोधपुर जिले में स्थित आखेट निषिद्ध क्षेत्र
- आकल वुड फाॅसिल पार्क/आकल जीवाश्म क्षेत्र ? जैसलमेर
- अभयारण्य – स्थापना – क्षेत्रफल (वर्ग किमी)
- सरिस्का – 7 नवंबर 1955 – 860रणथंभौर – 1 नवंबर 1960 – 392सीतामाता – 1979 – 423राष्ट्रीय मरू उद्यान – 8 मई 1981 -3162
- केवलादेव घना पक्षी विहार/केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल है – 28.73 वर्ग किमी
- सीतामाता अभयारण्य में पाईजाने वाली प्रमुख वृक्ष प्रजातियां – सागवान-बांस-महुआ
- रणथंभौर को वर्ष 1974 में तथा सरिस्का को वर्ष 1978 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना में शामिल किया गया/टाईगर रिजर्व घोषित किया गया।
- टाईगर प्रोजेक्ट में शामिल भारत की सबसे छोटी बाघ परियोजना है ? – रणथंभौर
- सीतामाता अभयारण्य किन दो जिलों में विस्तृत है – प्रतापगढव उदयपुर
- सीतामाताअभयारण्य का अधिकांशक्षेत्र प्रतापगढ जिले में आता है।
- जलीय पक्षियों की प्रजनन स्थली के रूप में प्रसिद्ध अभयारण्य है – चंबल अभयारण्य
- राजस्थान में वन्य जीवों के संरक्षण की शुरूआत कब हुई – 7 नवम्बर 1955 को
- राजस्थान में सर्वप्रथम 7 नवम्बर 1955 को घोषित वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र – वन विहार, सरिस्का व दर्रा
- राजस्थान के कितने प्रतिशत क्षेत्र पर राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभयारण्य विस्तृत है – 2.67 प्रतिशत
- वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972राजस्थान में कब लागू हुआ – 1973 को
- भारत में बाघ परियोजना के जनक माने जाते है – कैलाश सांखला
- वन्य जीवों की संख्या की दृष्टि से राजस्थान का देश में स्थान है ? दूसरा
- राज्य पशु चिंकारा (चैसिंगा) की सर्वाधिक संख्या – सीतामाता अभयारण्य
- सागवानवनों की अधिकता ? सीतामाताअभयारण्य
- राज्य पक्षी गोडावन – राष्ट्रीय मरू उद्यान
- उड़न गिलहरी – सीतामाता अभयारण्य
- जंगली मुर्गे – मा. आबू अभयारण्य
- आकल काष्ठ जीवाश्म पार्क – राष्ट्रीय मरू उद्यान
- क्षेत्रफलानुसार सबसे बड़ा – राष्ट्रीय मरू उद्यान (3162 वर्गकिमी)
- प्रथमजैविक पार्क – नाहरगढ अभयारण्य
- कृष्ण मृग एवं कुरजां पक्षी- तालछापर अभयारण्य
- भारतीयबाघों का घर ? रणथंभौर
- सर्वाधिक वन्य जीव- रणथंभौर
- मोर का सर्वाधिक घनत्व ? सरिस्का
- दुर्लभ औषधीय वन क्षेत्र – सीतामाता अभयारण्य
- हरे कबूतर ?सरिस्का
- चंदन के वृक्ष – कुंभलगढ अभयारण्य
- बटबड़ पक्षी/इंपिरीयल सेंट ग्राउज – गजनेर अभयारण्य
- सांपों का संरक्षणस्थल – शेरगढ अभयारण्य
- सर्वाधिक जैव विविधता – दर्रा वन्य जीव अभयारण्य
- धोंकड़ा वन – दर्रा व रामगढ विषधारी
- भेडि़याव जंगली धूसर मुर्गे – कुंभलगढ अभयारण्य
- गागरोनी तोते – दर्रा वन्य जीव अभयारण्य
- चीतल की मातृभूमि – सीतामाता अभयारण्य
- खस नामक घास – जमुवा रामगढ अभयारण्य
- मोथियाघास व लाना झाडि़यों हेतु प्रसिद्ध – तालछापर अभयारण्य
- क्षेत्रफल कीदृष्टि से राष्ट्रीय मरू उद्यान के बाद राजस्थन के तीन सबसे बड़े अभयारण्य (क्रमशः)- सरिस्का-कैलादेवी-कुंभलगढ
- क्षेत्रफल की दृष्टि से दो सबसे छोटे अभयारण्य – तालछापर-सज्जनगढ
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान मेंक्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय स्थापित किया गया है।
- गंगानगर-हनुमानगढ-सीकर-झुंझुनू-डूंगरपुर-बांसवाड़ा-भीलवाड़ा आदि जिलों में कोई भी अभयारण्य या आखेट निषिद्ध क्षेत्र नहीं है।
- रणथंभौर व सरिस्का के अलावा किस अभयारण्य में बाघ विचरण करते है – रामगढ विषधारी अभयारण्य बूंदी में राजस्थान का सबसे पहला व सबसे प्राचीन जंतुआलय – जयपुर जंतुआलय (1876)
- कौनसा जंतुआलय अपनी पक्षी शाला के लिए प्रसिद्ध है – जोधपुर
राजस्थान के वन्यजीव अभ्यारण्य pdf
राजस्थान के वन्यजीव अभ्यारण्य सम्बंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न. राज्य में काले -हिरण एवं कुर्जा पक्षी के लिए प्रसिद्ध अभ्यारण्य है
A. राष्ट्रीय मरु उद्यान
B. तालछापर अभयारण्य
C. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
D. टाटगढ़-रावली अभयारण्य
उत्तर. B
प्रश्न. भारत के प्रमुख परिपथ सुनहरे त्रिकोण पर राज्य का कौन सा वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र अवस्थित है
A. बंध बारेठा अभयारण्य
B. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
C. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
D. सरिस्का अभयारण्य
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान के किस अभ्यारण्य को यूनेस्क’ द्वारा विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थान के रूप में घोषित किया गया है
A. रणथम्भौर
B. सरिस्का
C. माउण्ट आबू
D. केवलादेव
उत्तर. D
प्रश्न. राजस्थान का वह जिला जो विश्व का अ द्वितीय पक्षी अभ्यारण्य है एवं जल पक्षियों का स्वर्ग है
A. अलवर
B. भरतपुर
C. उदयपुर
D. जोधपुर
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान में जैविक पार्क की स्थापना कहाँ की गई
A. तारागढ़ (अजमेर)
B. रणथम्भौर ( माधोपुर)
C. सरिस्का (अलवर)
D. नाहरगढ़ (जयपुर)
उत्तर. D
प्रश्न. रेगिस्तान का सागवान किस वृक्ष को कहा जाता है
A. रोहिडा
B. बबूल
C. शमी
D. खेजड़ी
उत्तर. A
प्रश्न. माउंट आबू अभ्यारण्य, सिरोही की प्रमुख विशेषता है
A. काले हिरण
B. जंगली मुर्गे
C. चौसिंगा मृग
D. घड़ियाल
उत्तर. B
प्रश्न. अप्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्गगाह माना जाने वाला घना अभयारण्य किसके प्रयासों द्वारा पक्षी अभ्यारण्य राजस्थान घोषित किया गया था
A. डॉ. कैलाश सांखला.
B. सुन्दरलाल बहुगुणा
C. बाबा आम्टे
D. डॉ.सलीम अली
उत्तर. D
प्रश्न. राजस्थान राज्य में निम्न में से कहाँ मृग वन नहीं है
A. नाहरगढ़ (जयपुर)
B. शाहपुरा (जयपुर)
C. खेजड़ली (जोधपुर)
D. सज्जनगढ़ (उदयपुर)
उत्तर. A
प्रश्न. विश्नोई -जाति के किस गाँव को 28 जून, 1976 को काले हिरण तथा अन्य वन्य जीवों के लिए आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया
A. डोली-धवा
B. सरिस्का
C. भैंसरोड़गढ़
D. रावली टाडगढ़
उत्तर. A
प्रश्न. राष्ट्रीय मरु उद्यान, जैसलमेर का कुल क्षेत्र फल कितना है
A. 392 वर्ग किमी.
B. 3162 वर्ग किमी.
C. 1900 वर्ग किमी.
D. 1262 वर्ग किमी.
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान में आबू संरक्षण स्थल कहाँ है
A. उदयपुर
B. अजमेर
C. सिरोही
D. जयपुर
उत्तर. C
प्रश्न. रामसागर वन विहार कहा है
A. बांसवाड़ा
B. धौलपुर
C. कोटा
D. भरतपुर
उत्तर. D
प्रश्न. चीतों के संरक्षण हेतु राजस्थान के राष्ट्रीय अभ्यारण्य हैं
A. रणथम्भौर व सरिस्का में
B. रणथम्भौर व जैसलमेर में .
C. भरतपुर एवं सरिस्का में
D. जैसलमेर व भरतपुर में
उत्तर. A
प्रश्न. प्रत्येक बाघ परियोजना क्षेत्रों को कोर और बफर जोन में विभक्त किया गया है, कोर क्षेत्र से क्या समझते हैं
A. इसमें अनुसंधान कार्य किये जाते हैं
B. पर्यटन हेतु
C. आंशिक पशु चराई होती है
D. ज्ञात नहीं
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान राज्य में कितने राष्ट्रीय उद्यान घोषित किये जा चुके हैं
A. 4
B. 2
C. 3
D. 5 3
उत्तर. C
प्रश्न. भारत का कौन सा राज्य है जहाँ दो बाघ परियोजनाएं स्थित हैं
A. उत्तर प्रदेश
B. मध्य प्रदेश
C. राजस्थान
D. बंगाल
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान राज्य में राष्ट्रीय उद्यान घोषित होने वाला प्रथम क्षेत्र कौन सा है
A सरिस्का अभयारण्य
B राष्ट्रीय मरु उद्यान जैसलमेर
C केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
D राष्ट्रीय उद्यान रणथम्भौर
उत्तर. D
प्रश्न. शहीद अमृता -देवी के नाम पर वन अभ्यारण्य किस जिले में स्थित है
A. जोधपुर.
B. पाली
C. उदयपुर
D. कोटा
उत्तर. A
प्रश्न. राजस्थान में रेगिस्तान वनरोपण एवं भू-संरक्षण केन्द्र कहाँ स्थित है
A. बीकानेर
B. जोधपुर
C. जैसलमेर
D. जयपुर
उत्तर. B
प्रश्न. सीता माता अभ्यारण्य, चित्तौड़गढ़ की स्थापना कब की गई थी
A. 1 नवम्बर, 1980
B. 10 मार्च, 1981
C. 21 जनवरी, 1979
D. 2 मई, 1983
उत्तर. C
प्रश्न. विश्व का ऐसा कौन सा एकमात्र हिरण है जिसके नर के चार सींग होते हैं, तथा यह मृग केवल भारत में पाया जाता है
A. हिरण
B. कृष्णमृग
C. चौसिंगा
D. मृग
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान राज्य के किस अभयारण्य में एन्टीलोप परिवार के वन्य पशु चौसिंगा की विश्व में सबसे अधिक संख्या पायी जाती है
A. ताल छापर अभयारण्य
B. रामगढ़ अभयारण्य
C. भैंसरोड़गढ़ अभयारण्य
D. सीता माता अभयारण्य
उत्तर. D
प्रश्न. पक्षियों के संरक्षण के लिए विश्व विख्यात अभ्यारण्य कौन सा है
A. केवलादेव घना पक्षी विहार, भरतपुर
B. वन विहार अभयारण्य
C. सीता माता अभयारण्य
D. ताल छापर अभयारण्य
उत्तर. A
प्रश्न. राष्ट्र की सभी बाघ परियोजनाओं के प्रशासनिक एवं विकास कार्यों का नियंत्रण एक स्टीअरिंग कमेटी द्वारा किया जाता है। इस स्टीअरिंग कमेटी का अध्यक्ष कौन होता है
A. राष्ट्रपति
B प्रधानमंत्री
C. राज्यपाल’
D. वन अधिकारी
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान राज्य के वे कौन से दो आखेट निषिद्ध क्षेत्र हैं, जो राज्य पक्षी गोडावण की बड़ी संख्या को आश्रय प्रदान करते है
A. सोरसन-साँखलिया
B. जोजबीड़-बीकानेर
C. गुढ़ा विश्नोई-डोली
D. गंगवाना-तिलौरा
उत्तर. A
प्रश्न. भरतपुर में केवला देव पक्षी विहार में जल-पक्षियों के लिए एक झील बनी हुई है, इस झील में पानी किस बाँध से आता है
A. पांचना
B. उर्मिला सागर
C. रामसागर
D. अजान
उत्तर. D
प्रश्न. राज्य के कितने प्रतिशत क्षेत्र फल पर राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य विस्तृत हैं
A. 9.37%
B. 10.40%
C. 2.71%
D. 8.20%
उत्तर. C
प्रश्न. प्रतिवर्ष विश्व वानिकी दिवस कब मनाया जाता है
A. 20 मार्च
B. 30 मार्च.
C. 21 मार्च
D. 14 मार्च
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान का एकमात्र अभ्यारण्य जहाँ उड़न गिलहरियाँ देखी जा सकती हैं उस स्थान का नाम क्या है
A. रामगढ़ विषधारी अभयारण्य.
B. कुम्भलगढ़ अभयारण्य
C. ताल छापर अभयारण्य .
D. सीतामाता अभयारण्य
उत्तर. D
प्रश्न. राजस्थान के प्रथम जैविक उद्यान का नाम है
A. नाहरगढ़
B. शेरगढ़.
C. आकल
D. वन विहार
उत्तर. A
प्रश्न. राज्य में कौन सा जन्तुआलय अपनी पक्षी शाला के लिए प्रसिद्ध है
A. जयपुर
B. उदयपुर
C. बीकानेर
D. जोधपुर
उत्तर. D
प्रश्न. राष्ट्रीय मरु उद्यान जैसलमेर के कुल क्षेत्र फल का 1262 वर्ग किमी. क्षेत्र फल बाड़मेर जिले में है तो बताइए जैसलमेर जिले में इसका क्षेत्र फल कितना है
A. 392 वर्ग किमी.
B. 3162 वर्ग किमी.
C. 1900 वर्ग किमी.
D. 100 वर्ग किमी.
उत्तर. C
प्रश्न. ताल छापर अभ्यारण्य कहाँ है
A .अलवर
B. चूरू
C. बीकानेर
D. उदयपुर
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान राज्य में सबसे अधिक आखेट निषिद्ध क्षेत्र किस जिले में है
A. बीकानेर
B. जैसलमेर
C. जोधपुर
D. नागौर
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान में आखेट निषिद्ध क्षेत्रों का कुल क्षेत्र फल कितना है
A. 8861 वर्ग किमी
B. 421 वर्ग किमी
C. 1489 वर्ग किमी.
D. 26,719.94 वर्ग किमी.
उत्तर. A
प्रश्न. राष्ट्र की सबसे कम क्षेत्र फल वाली बाघ परियोजना कौन सी है
A. सरिस्का अभयारण्य
B. रणथम्भौर वन्य जीव अभयारण्य
C. सीता माता अभयारण्य ”
D. वन विहार अभयारण्य
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान राज्य के किस जिले में वन सम्पदा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.
A. बांसवाड़ा
B. पाली
C. उदयपुर
D. कोटा
उत्तर. C
प्रश्न. सेवण क्या है
A. मरुस्थलीय वनस्पति
B. बालू के टीले
C. पश्चिमी राजस्थान की घास
D. प्रमुख खाद्यान्न फसल
उत्तर. C
प्रश्न. राज्य में सीता माता अभ्यारण्य, चित्तौड़गढ़ का कुल क्षेत्र फल है
A. 492 वर्ग किमी.
B. 422.94 वर्ग किमी.
C. 392 वर्ग किमी.
D. 265.85 वर्ग किमी.
उत्तर. B
प्रश्न. बाघ परियोजना सरिस्का के कोर जोन प्रथम को राष्ट्रीय पार्क घोषित करने की अधिसूचना राज्य सरकार द्वारा कब लागू की गई थी
A. 27 जून, 1982
B. 27 अगस्त, 1982
C. 27 मई, 1958.
D. 7 नवम्बर, 1955
उत्तर. B
प्रश्न. केवलादेव घना पक्षी विहार अभ्यारण्य का क्षेत्र फल कितना है
A. 265.80 वर्ग किमी.
B. 28.73 वर्ग किमी.
C. 300 वर्ग किमी.
D. 98.71 वर्ग किमी.
उत्तर. B
प्रश्न.राजस्थान का ऐसा कौन सा पहला बाघ परियोजना क्षेत्र है, जहाँ कोर एरिया का क्षेत्र फल 300 वर्ग किलोमीटर है
A. सरिस्का बाघ परियोजना
B. रणथम्भौर बाघ परियोजना
C. दर्रा अभयारण्य
D. वन विहार अभयारण्य
उत्तर. A
प्रश्न. राज्य में वह कौन-सा जिला है, जिसमें सबसे अधिक वन्य जीव अभ्यारण्य है.
A. जोधपुर
B. राजसमन्द
C. कोटा
D. उदयपुर
उत्तर. D
प्रश्न. राज्य में किस वन्य जीव अभ्यारण्य को सबसे पहले बाघ परियोजना संरक्षित स्थल के रूप में घोषित किया गया
A. सरिस्का.
B. रणथम्भौर
C. शेरगढ़ अभयारण्य
D. ताल छापर
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान राज्य में ऑपरेशन खेजड़ी कार्यक्रम किस वर्ष शुरु किया गया
A. 1990
B. 1991
C. 1992
D. 1994
उत्तर. B
प्रश्न. फुलवारी की नाल अभ्यारण्य किस जिले में स्थित है
A. चित्तौड़गढ़
B. बांसवाड़ा
C. उदयपुर
D. डूंगरपुर
उत्तर. C
प्रश्न. रामसर कन्वेन्शन द्वारा राजस्थान में नम मि घोषित हुआ है
A. केवलादेव पक्षी अभयारण्य .
B. सांभर झील
C. सरिस्का बाघ संरक्षित स्थल
D. ताल छापर अभयारण्य
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान राज्य में राष्ट्रीय उद्यान घोषित होने वाला दूसरा क्षेत्र है
A. केवलादेव घना राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य
B. रणथम्भौर वन्य जीव अभयारण्य
C. राष्ट्रीय मरु उद्यान
D. सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य
उत्तर. A
प्रश्न. सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण्य किस जिले में है
A. भरतपुर
B. जयपुर
C. अलवर
D. पाली
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान में वर्तमान में कितने वन्य जीव अभ्यारण्य हैं
A. 33
B. 25
C. 26
D. 28
उत्तर. C
प्रश्न. सरिस्का बाघ परियोजना का कुल क्षेत्र फल कितना है
A. 450 वर्ग किमी.
B. 350 वर्ग किमी.
C. 392 वर्ग किमी.
D. 800 वर्ग किमी.
उत्तर. D
प्रश्न. वृक्षारोपण कार्यक्रम को जन कार्यक्रम बनाने के लिए राजस्थान में कौन सी योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने डूंगरपुर जिले के वागदरी गाँव किया गया था
D. एकलव्य योजना.
B. द्वाकरा परियोजना
C. रुख भायला कार्यक्रम
D. अन्त्योदय कार्यक्रम
उत्तर. C
प्रश्न. केवला-देव घना पक्षी- विहार को राष्ट्रीय उद्यान कब घोषित किया गया
A. 10 मार्च, 1201
B. 7 अप्रैल, 1980
C. 8 मई, 1981
D. 26 अगस्त, 1980
उत्तर. D
प्रश्न. कौन सा वन्य जीव विश्व में सबसे अधिक संख्या में सीता माता अभ्यारण्य, चित्तौडगढ़ में पाया जाता है
A. कृष्ण मृग
B. भेड़िया
C. रीछ
D. चिंकारा मृग
उत्तर. D
प्रश्न. भारत सरकार ने राष्ट्रीय नीति का निर्धारण कब किया गया था
A. 18 जून, 1951
B. 12 मई, 1954
C. 12 मई, 1952
D. 12 मई, 1953
उत्तर. C
प्रश्न. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान और रामगढ़-विषधारी अभ्यारण्य के बीच बाघों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए जिस आखेट निषिद्ध क्षेत्र की स्थापना की गई है उसका क्या नाम है
A. संघाल सागर
B. सोरसन
C. कुंवाल जी
D. कनक सागर
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान के क्षेत्र फल की दृष्टि से सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र कौन सा है
A. गुढ़ा विश्नोई
B. संवत्सर-कोटसर
C. कनक सागर
D. सोरसन
उत्तर. B
प्रश्न. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान हेतु पानी कहाँ से उपलब्ध होता है
A. माही बाँध
B. बेड़च नदी
C. अजान बाँध
D. चम्बल नदी
उत्तर. C
प्रश्न.राजस्थान में सीता माता अभयारण्य का कुल क्षेत्र फल कितना है-
A. 422.94 वर्ग किमी.
B. 265 80 वर्ग किमी.
C. 676.38 वर्ग किमी.
D. 300 वर्ग किमी.
उत्तर. A
प्रश्न. राजस्थान राज्य में कौन सा एकमात्र अभ्यारण्य है जहाँ सागवान के वन पाये जाते हैं
A. सीतामाता अभयारण्य.
B. ताल छापर अभयारण्य
C. चम्बल अभयारण्य
D. बस्सी अभयारण्य
उत्तर. A
प्रश्न. वन नियमों के पशुओं को चराने तथा लकड़ी काटने की मुखिया कम के वनों में दी जानी
A. रक्षित वन
B. सुरक्षित वन
C. अवर्गीकृत वन
D. राजकीय वन
उत्तर. A
प्रश्न. ऑपरेशन खेजड़ी कार्यक्रम की शुरुआत किस सन् से की गई थी
A. 1989
B. 1990
C. 1992
D. 1991
उत्तर. D
प्रश्न. बाघ परियोजना रणथम्भौर का कुल क्षेत्र फल कितना है
A. 392 वर्ग किमी.
B. 300 वर्ग किमी.
C. 77.93 वर्ग किमी
D. 89.93 वर्ग किमी.
उत्तर. A
प्रश्न. राजस्थान में वर्तमान में कितने आखेट निषिद्ध क्षेत्र हैं
A. 33
B. 35
C. 18
D. 22
उत्तर. A
प्रश्न. सीता माता अभयारण्य का कहां पर स्थित है
A. डूंगरपुर में
B. बूंदी में
C. चित्तौड़गढ़ में
D. अलवर में
उत्तर. C
प्रश्न. राजस्थान में ऐसा कौन सा पक्षी अभ्यारण्य है जिसे विश्व धरोहर घोषित किया गया है
A. सरिस्का अभयारण्य
B. रणथम्भौर अभयारण्य
C. मरु राष्ट्रीय उद्यान
D. केवलादेव अभयारण्य
उत्तर. D
प्रश्न. दर्रा वन्य जीव अभ्यारण्य कहाँ है
A. कोटा
B. जैसलमेर
C. उदयपुर
D. सिरोही
उत्तर. A
प्रश्न. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् वन्य- जीवों के संरक्षण की आधार शिला कब रखी गई
A. 7 नवम्बर, 1952
B. 7 नवम्बर, 1953
C. 7 नवम्बर, 1954
D. 7 नवम्बर, 1955
उत्तर. D
प्रश्न. राष्ट्रीय मरु- उद्यान जैसलमेर की प्रमुख विशेषता है
A. साइबेरियन क्रेन
B. सागवान वन
C. बरगद के विशाल वृक्ष
D. राष्ट्रीय पक्षी
उत्तर. A
प्रश्न. उडन गिल हरी किस अभ्यारण्य की प्रमुख विशेषता है
A. सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य
B. सीता माता अभयारण्य
C. कुम्भलगढ़ अभयारण्य
D. बंध बारेठा अभयारण्य
उत्तर. B
प्रश्न. राजस्थान आकल काष्ट जीवाश्म पार्क भाग है
A. वन विहार अभयारण्य का
B. मछिया सफारी पार्क का
C. मरु राष्ट्रीय उद्यान का
D. गजनेर अभयारण्य का
उत्तर. C
प्रश्न. माउंट आबू अभ्यारण्य सिरोही की स्थापना हुई- .
A. 7 अप्रैल, 1960
B. 7 अप्रैल, 1961
C. 7 अप्रैल, 1962
D. 7 अप्रैल, 1963
उत्तर. A
प्रश्न. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान को 1980 से राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया, यहाँ पर बाघ परियोजना कब शुरु की गई
A. 1962
B. 1974
C. 1980
D. 1983
उत्तर. B
प्रश्न. घास के मैदानों या चारा गाहों को राजस्थान में किस स्थानीय नाम से पुकारा जाता है
A. बीड
B. चारागाह
C. धामन
D. सेवन
उत्तर. A
प्रश्न. राज्य में क्षेत्र फल की दृष्टि से सबसे बड़ा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र कौन सा है
A. राष्ट्रीय मरु उद्यान
B. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
C. सरिस्का अभयारण्य
D. फुलवारी की नाल अभयारण्य
उत्तर. A
प्रश्न. पश्चिमी राजस्थान में कुरजां नाम सम्बन्धित है
A. भ्रमणशील पक्षियों से
B. कबूतर से
C. मुरगाब से
D. मोर से
उत्तर. A