कैसे फैलता है लक्षण क्या हैं, कैसे करें पशुओं का बचाव    लंपी वायरस के लक्षण...

हल्का बुखार आना, शरीर पर दाने निकलना, दाने घाव में बदलना, जानवर की नाक बहना,  मुंह से लार आना और दूध देना कम हो जाता है।

साल 2020 में देश में कोरोना फैला तो चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार तुरंत सक्रिय हुईं और कोरोना की रोकथाम में जुट गईं।  नतीजा ये हुआ कि अकेले राजस्थान में जहां 1 करोड़ 31 लाख 12 हजार 216 लोग कोरोना संक्रमित हुए।

जबकि बेजुबान गायों में तेजी से फैल रहे लंपी वायरस ने दो महीने में ही 50 हजार से ज्यादा गायों के प्राण लिए।  गायों की लगातार हो रही मौत के लिए विभाग अब केवल वैक्सीनेशन पर निर्भर है।  वहीं 730 पशुधन सहायक लगाकर इस बीमारी को रोकने का प्रयास कर रहे हैं,

प्रदेश की 11,00,000 लंपी संक्रमित गायों को कैसे बचाया जाए।  राजस्थान सरकार की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि इस बीमारी पर  काबू पाया जा रहा है।  10 दिन में इस बीमारी पर पूरा काबू हो जाएगा।

लेकिन हकीकत यह है कि न तो ये 10 दिन ही पूरे हो रहे हैं और न ही गायों की मौत का सिलसिला रुक रहा है।  बीते दो महीने में लंपी वायरस से मरने वाले गायों की संख्या 2000 या उससे ऊपर रही

यानी कि रोजाना इस बीमारी से 1200 से 1400 गायों की मौत हो रही है।  विभाग केवल यह कहकर अपनी पीठ थपथपा रहा है कि उसने 8 लाख 55 हजार 171 गायों को वैक्सीनेटेड कर दिया है।

लेकिन सर्वविदित है कि वैक्सीन केवल उन गायों पर ही कारगर है जो इस बीमारी से संक्रमित नहीं हुई हैं. ऐसे में प्रदेश में आज भी 11 लाख 34 हजार 709 गायें लंपी डिजीज से संक्रमित हैं।

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